अमेरिका वीजा नियम अपडेट: अब भारतीयों के लिए वीजा इंटरव्यू अपने देश में ही!
नमस्ते दोस्तों! आज हम बात करेंगे अमेरिकी वीजा नियमों में हुए एक महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में जिसका सीधा असर भारतीयों पर पड़ेगा। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने गैर-आप्रवासी वीजा (NIV) के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत वीजा इंटरव्यू अब आवेदक के नागरिकता या कानूनी निवास वाले देश में ही आयोजित किए जाएंगे।
नया नियम क्या है?
अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा की है कि अब गैर-आप्रवासी वीजा आवेदकों को वीजा इंटरव्यू के लिए अपने नागरिकता या निवास के देश में स्थित अमेरिकी दूतावास या वाणिज्य दूतावास में अपॉइंटमेंट बुक करना होगा। यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है, उन कुछ जगहों को छोड़कर जहां अमेरिका नियमित एनआईवी संचालन नहीं कर रहा है। इसका मतलब है कि अब भारतीयों को वीजा इंटरव्यू के लिए भारत में ही अपॉइंटमेंट लेना होगा।
भारतीय यात्रियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस बदलाव का सबसे बड़ा असर उन भारतीयों पर पड़ेगा जो अमेरिका यात्रा की योजना बना रहे हैं, खासकर जो कम समय में वीजा प्राप्त करना चाहते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, जब भारत में वीजा अपॉइंटमेंट के लिए प्रतीक्षा समय तीन साल तक पहुंच गया था, तो कई भारतीय बी1/बी2 वीजा (व्यवसाय/पर्यटक) के लिए विदेश में इंटरव्यू बुक करते थे। वे बैंकॉक, सिंगापुर, फ्रैंकफर्ट जैसे देशों में जाते थे। अब, नए नियमों के कारण, ऐसा करना संभव नहीं होगा।
वीजा के विभिन्न प्रकारों में टूरिस्ट वीजा, बिजनेस वीजा, स्टूडेंट वीजा, अस्थायी कर्मचारी वीजा, और अमेरिकी नागरिकों से विवाह के लिए वीजा शामिल हैं। वर्तमान में भारत में बी1/बी2 इंटरव्यू के लिए प्रतीक्षा समय अलग-अलग शहरों में भिन्न है। उदाहरण के लिए, हैदराबाद और मुंबई में साढ़े तीन महीने, दिल्ली में साढ़े चार महीने, कोलकाता में पांच महीने, और चेन्नई में नौ महीने तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
पहले कैसे जाते थे भारतीय?
कोविड के बाद, भारतीयों ने वीजा इंटरव्यू के लिए पड़ोसी देशों के अलावा, जर्मनी जैसे दूर के देशों की भी यात्रा की। फ्रैंकफर्ट में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने विशेष रूप से भारतीय आवेदकों के लिए एनआईवी इंटरव्यू अपॉइंटमेंट आरक्षित किए थे, क्योंकि भारत में बी1/बी2 वीजा के लिए प्रतीक्षा अवधि काफी लंबी थी। ट्रैवल एजेंट बताते हैं कि भारतीय बी1/बी2 इंटरव्यू के लिए बैंकॉक, सिंगापुर, फ्रैंकफर्ट तक जाते थे, जहां वे एक हफ्ते से 10 दिन तक रुकते और पासपोर्ट लेकर भारत लौट आते। यहां तक कि एच-1बी आवेदकों को रियो डी जनेरियो (ब्राजील) और चियांग माई (थाईलैंड) जैसे स्थानों पर जाते देखा गया था।
नए नियम में क्या है खास?
नए नियम में विशेष व्यवस्थाएं भी हैं। जिन देशों में अमेरिकी सरकार नियमित एनआईवी संचालन नहीं कर रही, वहां के नागरिकों को निर्दिष्ट दूतावास या वाणिज्य दूतावास में आवेदन करना होगा, बशर्ते उनका निवास कहीं और न हो। उदाहरण के लिए, रूस के लिए अस्ताना और वारसॉ, अफगानिस्तान के लिए इस्लामाबाद, और ईरान के लिए दुबई को निर्दिष्ट स्थान बनाया गया है।
ट्रंप प्रशासन की सख्त नीतियां
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ट्रंप प्रशासन के दौरान वीजा नियमों को और सख्त किया गया था। 2 सितंबर से, सभी गैर-आप्रवासी वीजा आवेदकों, जिसमें 14 साल से कम और 79 साल से अधिक आयु के लोग शामिल हैं, को आमतौर पर एक कांसुलर अधिकारी के साथ व्यक्तिगत इंटरव्यू की आवश्यकता होगी। हालांकि, कुछ अपवाद भी हैं।
निष्कर्ष
अमेरिकी वीजा नियमों में हुए इस बदलाव के कारण, भारतीयों को अब वीजा इंटरव्यू के लिए भारत में ही अपॉइंटमेंट लेना होगा। यदि आप अमेरिका यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आपको वीजा प्रक्रिया को ध्यान से समझना और प्रतीक्षा समय को ध्यान में रखते हुए अपनी योजना बनानी होगी। यह बदलाव वीजा एप्लीकेशन प्रोसेस में समय लग सकता है, इसलिए वीजा इंटरव्यू के लिए जल्द से जल्द अप्लाई करना ही बेहतर होगा। हम आपको वीजा एप्लीकेशन, वीजा इंटरव्यू, वीजा डॉक्यूमेंटेशन, वीजा फीस जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अधिक जानकारी देते रहेंगे। अमेरिका जाने के सपने को साकार करने के लिए, अपडेट रहें और सही जानकारी प्राप्त करें।