बिहार चुनाव 2025: युवा वोटरों का महत्व और राजनीतिक दलों की कोशिशें
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और सभी की निगाहें युवा वोटरों पर टिकी हैं। इस बार, 14 लाख से अधिक युवा पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। ये युवा मतदाता, जिनकी मुख्य चिंताएं रोजगार और पलायन हैं, बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
राजनीतिक पार्टियां भी युवाओं को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। उन्होंने अपने घोषणापत्र में युवाओं के लिए कई वादे किए हैं। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि युवाओं का समर्थन किस पार्टी को मिलता है। इसका पता 14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों के साथ चलेगा।
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। नई सूची के अनुसार, बिहार में कुल 7.41 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.49 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। युवा मतदाताओं की संख्या सरकार बनाने और बिगाड़ने में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव खुद को युवा बताकर युवा वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में पटना के मरीन ड्राइव पर युवाओं के साथ डांस भी किया, जिसकी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई। वहीं, पहली बार चुनाव मैदान में उतरे प्रशांत किशोर भी युवाओं को रोजगार और पलायन जैसे मुद्दों पर कई वादे कर रहे हैं।
एनडीए के पास युवाओं को लुभाने के लिए चिराग पासवान जैसा चेहरा है। चिराग “बिहारी फर्स्ट” का नारा देते हुए युवाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं। चिराग पासवान केंद्र सरकार में अपनी मजबूत पकड़ के साथ बिहार में अपनी पार्टी को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
बिहार चुनाव 2025 में युवा वोटरों का क्या रुख रहता है, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या वे रोजगार और पलायन जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने वाली पार्टियों का समर्थन करेंगे, या वे किसी अन्य पार्टी को चुनेंगे? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बिहार की राजनीति और चुनाव विश्लेषण के लिए जुड़े रहें।
