भारत-ईयू व्यापार समझौते पर ताज़ा अपडेट: नई दिल्ली और ब्रुसेल्स में बैठकों का दौर, FTA पर तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं!
नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच चल रहे व्यापार समझौते के बारे में। आने वाले हफ़्तों में भारत-ईयू शिखर सम्मेलन की तैयारियों के साथ-साथ, ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने के लिए नई दिल्ली और ब्रुसेल्स में बैठकों का दौर जारी है। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जो भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को एक नई दिशा देगा।
FTA: मुक्त व्यापार समझौता पर फोकस!
भारत और यूरोपीय संघ (EU) इस सप्ताह नई दिल्ली में अपने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर अगली दौर की बातचीत शुरू कर रहे हैं। यह 13वाँ दौर है, जो 8 सितंबर से शुरू हो रहा है, और इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इन मुद्दों में गैर-टैरिफ बाधाएं, बाजार पहुंच, और सार्वजनिक खरीद शामिल हैं। दोनों पक्ष इस साल के अंत तक FTA को अंतिम रूप देने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं।
उच्च-स्तरीय बैठकें और रणनीतिक एजेंडा
आने वाले कुछ हफ़्तों में, नई दिल्ली और ब्रुसेल्स में कई उच्च-स्तरीय बैठकें आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य 2026 की पहली तिमाही में भारत द्वारा आयोजित भारत-ईयू शिखर सम्मेलन के लिए रणनीतिक एजेंडा और अन्य परिणामों को अंतिम रूप देना है। यह शिखर सम्मेलन भारत-यूरोपीय संघ के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
राजनीतिक गति और व्यापार वार्ता
सूत्रों के अनुसार, यूरोपीय संघ के व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविक और कृषि आयुक्त क्रिस्टोफ हेन्सन नई दिल्ली का दौरा करेंगे, ताकि व्यापार वार्ता को राजनीतिक गति प्रदान की जा सके। उनका लक्ष्य है कि टैरिफ युद्ध से उत्पन्न होने वाली समस्याओं को कम किया जाए और व्यापार में तेजी लाई जाए। सेफकोविक कारोबार मंत्री पीयूष गोयल के साथ भी चर्चा करेंगे, ताकि वार्ता तकनीकी बारीकियों में न उलझे और प्रगति सुनिश्चित हो सके।
अब तक की प्रगति: समझौते की राह पर
FTA के 23 अध्यायों में से 11 पर सहमति बन चुकी है। इनमें बौद्धिक संपदा, सीमा शुल्क, व्यापार सुविधा, पारदर्शिता, नियामक प्रथाएं, आपसी प्रशासनिक सहायता, छोटे और मध्यम उद्यम, टिकाऊ खाद्य प्रणाली, विवाद निपटान, प्रतिस्पर्धा, सब्सिडी, डिजिटल व्यापार, और धोखाधड़ी-रोधी खंड शामिल हैं। एक और अध्याय, जो पूंजी आवागमन पर है, उसे भी अंतिम रूप देने के करीब हैं। आगामी दौरों में तकनीकी व्यापार बाधाएं, स्वच्छता और फाइटोसैनिटरी मुद्दे, बाजार पहुंच, मूल नियम, और सार्वजनिक खरीद जैसे जटिल विषयों पर ध्यान दिया जाएगा।
भारत और EU की प्राथमिकताएं
भारत ने चावल, चीनी, और डेयरी जैसे उत्पादों को समझौते से बाहर रखकर अपनी सीमाएं साफ कर दी हैं। वहीं, EU ऑटोमोबाइल और स्पिरिट्स के लिए बाजार में पहुंच चाहता है। हाल ही में अमेरिका द्वारा झींगा जैसे उत्पादों पर टैरिफ दोगुना करने के प्रभाव को देखते हुए, EU एक्वाकल्चर सामानों के निर्यात पर विचार करने को तैयार है।
उच्च-स्तरीय संवाद और द्विपक्षीय संबंध
4 सितंबर को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ बातचीत की, जिसमें व्यापार वार्ता पर चर्चा की गई। EU नेताओं ने इस साल के अंत तक वार्ता को अंतिम रूप देने पर ज़ोर दिया है। आगामी हफ़्तों में कई अन्य बैठकें भारत-ईयू संबंधों को मजबूत करेंगी। 17 सितंबर को, EU की विदेश और सुरक्षा नीति प्रमुख काजा कैलास भारत के साथ नए रणनीतिक एजेंडा की घोषणा करेंगी।
भारत-ईयू व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद
विदेश मंत्री एस जयशंकर 9-10 नवंबर को ब्रुसेल्स में इंडो-पैसिफिक फोरम में भाग लेंगे, जिसके बाद भारत-ईयू व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (TTC) की मंत्रिस्तरीय बैठक होगी। TTC कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक, सुरक्षा, और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग की निगरानी करता है। यह बैठक, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और तकनीकी सहयोग को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होगा।
निष्कर्ष
भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है जो आर्थिक विकास और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगा। नई दिल्ली और ब्रुसेल्स में होने वाली बैठकों और 2026 के शिखर सम्मेलन से भारत-ईयू संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की उम्मीद है। यह समझौता, निवेश और रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा, जिससे दोनों देशों को फ़ायदा होगा। आने वाले समय में, हम इस विषय पर और अपडेट लाते रहेंगे! जुड़े रहें!