आर्थिक संकट: अरविंद केजरीवाल का मोदी सरकार पर तीखा हमला, किसानों की दुर्दशा और टेक्सटाइल कंपनियों का फायदा!
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने किसानों की कपास की फसल पर अमेरिकी इंपोर्ट ड्यूटी हटाए जाने को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और इसे किसानों के साथ धोखाधड़ी करार दिया।
केजरीवाल ने अहमदाबाद में एक प्रेस वार्ता में कहा कि मोदी सरकार ने अमेरिकी दबाव में आकर किसानों और हीरा कारीगरों के हितों की अनदेखी की है। उनका आरोप है कि अमेरिकी कपास पर से इंपोर्ट ड्यूटी हटाना भारतीय किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर करेगा।
केजरीवाल ने कहा, “मोदी सरकार ने अमेरिका को खुश करने और अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों की बलि दे दी है।” उनका कहना था कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलेगा और वे कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि हीरा कारीगरों की हालत भी बदतर है, क्योंकि अमेरिकी टैरिफ के कारण सूरत के लाखों कारीगर बेरोजगार हो गए हैं।
केजरीवाल ने कपास की खेती करने वाले किसानों की स्थिति को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि जून-जुलाई में किसान कपास बोते हैं, अक्टूबर-नवंबर में फसल तैयार होती है। किसान बीज, खाद, और मजदूरी के लिए कर्ज लेते हैं और उम्मीद करते हैं कि उन्हें फसल कटने पर बाजार में उचित कीमत मिलेगी। लेकिन मोदी सरकार ने 19 अगस्त से अमेरिकी कपास पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी। इससे अमेरिकी कपास की कीमत भारतीय कपास से 15 से 20 रुपये प्रति किलो सस्ती हो गई। इसका सीधा मतलब है कि भारतीय किसानों की फसल मंडियों में नहीं बिकेगी और वे बर्बाद हो जाएंगे।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि इस फैसले का सीधा फायदा टेक्सटाइल कंपनियों को होगा, जो अब सस्ती कपास आयात करके मुनाफा कमाएंगी। उन्होंने कहा कि किसानों ने बीज, खाद और मजदूरी के लिए जो कर्ज लिया है, उसे चुकाने का उनके पास कोई रास्ता नहीं बचेगा। केजरीवाल ने कहा कि किसानों को अब 900 रुपये प्रति मन से भी कम दाम मिलेगा, जबकि खर्च लगातार बढ़ रहा है।
अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी के पुराने वादों की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव से पहले मोदी ने कहा था कि कपास की कीमत कम से कम 2500 रुपये प्रति मन होनी चाहिए, लेकिन आज किसानों को महज 1200 रुपये मिल रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि जब अमेरिकी कपास भारत आएगी तो कीमत और गिर जाएगी।
केजरीवाल ने सवाल किया कि मोदी सरकार अमेरिका के आगे इतनी बेबस क्यों है? उन्होंने कहा कि यह अफवाह है कि मोदी सरकार अडानी को बचाने और ट्रंप को नाराज न करने के लिए झुक गई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब अमेरिका ने कनाडा, यूरोपियन यूनियन और मेक्सिको पर टैरिफ लगाया, तो इन देशों ने भी पलटवार कर अमेरिका पर टैरिफ लगाया। लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया।
केजरीवाल ने मोदी सरकार से मांग की कि ट्रंप पर 75 से 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाए। उन्होंने कहा कि भारत एक बड़ा बाजार है और अमेरिकी कंपनियों को यहां व्यापार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “मोदी जी थोड़ा हिम्मत दिखाएं, पूरा देश आपके साथ खड़ा है।” उन्होंने कपास पर 2100 रुपये प्रति 20 किलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने और खाद-बीज पर सब्सिडी देने की भी मांग की।
केजरीवाल ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप है, जिससे पता चलता है कि उसे किसानों या कारीगरों से कोई सरोकार नहीं है।
इस प्रेस वार्ता में केजरीवाल ने किसानों की दुर्दशा, अमेरिकी दबाव, और मोदी सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े किए। उनकी बातों से साफ है कि आप इस मुद्दे को लेकर आक्रामक रुख अपना रही है।
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