आज का पंचांग: 14 अक्टूबर 2025 – शुभ-अशुभ मुहूर्त और ग्रहों की स्थिति
द्रिक पंचांग के अनुसार, आज 14 अक्टूबर 2025 को सुबह 11 बजकर 9 मिनट तक कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रहने वाली है, जिसके बाद देर रात तक नवमी तिथि रहेगी. इसके अलावा आज दोपहर में राहुकाल और आधे से ज्यादा दिन आडल योग रहेगा. शास्त्रों में राहुकाल और आडल योग को अशुभ माना गया है, जिस दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए. आइए अब जानते हैं 14 अक्टूबर 2025 के पंचांग के बारे में.
नक्षत्र और करण – ज्योतिषीय गणना
आज प्रात: काल से लेकर सुबह 11 बजकर 54 मिनट तक पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा. पुनर्वसु नक्षत्र के समाप्त होते ही पुष्य नक्षत्र का आरंभ हो जाएगा, जो कल सुबह तक रहने वाला है. करण की बात करें तो इस समय कौलव करण चल रहा है, जिसका समापन सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर होगा. आज जैसे ही कौलव करण का समापन होगा, वैसे ही तैतिल करण का आरंभ हो जाएगा, जो देर रात 10 बजकर 47 मिनट तक रहने वाला है. वहीं, दिन के अंत में गर करण रहेगा.
संवत और चंद्रमास – हिन्दू कैलेंडर
आज के संवत और चंद्रमास की जानकारी के लिए, पंचांग का विशेष महत्व है. इससे शुभ मुहूर्त और अशुभ मुहूर्त का ज्ञान होता है, जो विवाह मुहूर्त और अन्य शुभ कार्य के लिए आवश्यक है.
आज के शुभ योग – सिद्धि और साध्य
आज प्रात: काल 4 बजकर 11 मिनट तक सिद्ध योग रहेगा, जिसके समाप्त होते ही साध्य योग का आरंभ होगा. साध्य योग आज देर रात तक रहने वाला है. ये शुभ योग किसी भी कार्य को सफल बनाने में सहायक होते हैं. इसलिए, शुभ मुहूर्त के लिए इन योग का ध्यान रखना चाहिए.
सूर्योदय, चंद्रास्त, सूर्यास्त और चंद्रोदय – दैनिक समय
- सूर्योदय: सुबह 06:36
 - चन्द्रास्त: सुबह 12:57 (15 अक्टूबर 2025)
 - सूर्यास्त: शाम 06:15
 - चन्द्रोदय: दोपहर 01:58
 
आज का शुभ समय – अमृत काल और ब्रह्म मुहूर्त
आज के शुभ समय में अमृत काल और ब्रह्म मुहूर्त का विशेष महत्व है. अमृत काल में किए गए कार्य शुभ फल देते हैं, वहीं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ध्यान करने से मानसिक शांति मिलती है.
आज का अशुभ समय – राहुकाल और गुलिक काल
आज के अशुभ समय में राहुकाल और गुलिक काल का विशेष ध्यान रखना चाहिए. राहुकाल में किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें विघ्न आने की संभावना रहती है. गुलिक काल भी अशुभ माना जाता है.
नवग्रहों की स्थिति – ग्रहों का प्रभाव
- शनि ग्रह: मीन राशि में
 - राहु ग्रह: कुंभ राशि में
 - केतु ग्रह: सिंह राशि में
 - चंद्र देव: मिथुन राशि और कर्क राशि (संचार)
 - देवगुरु बृहस्पति ग्रह: मिथुन राशि में
 - मंगल देव और बुध देव: तुला राशि में
 - सूर्य देव और शुक्र देव: कन्या राशि में
 
नवग्रहों की स्थिति का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. ग्रहों की चाल से ही राशिफल का निर्धारण होता है और भविष्य की घटनाओं का अनुमान लगाया जाता है.
