चंद्र ग्रहण विवाद: भुवनेश्वर में मांसाहारी भोजन पर बवाल, ‘तर्कवादी’ परिवार पर हमला!
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से एक बेहद ही चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे देश में हंगामा मचा दिया है। लिंगराज थाना क्षेत्र के नागेश्वर टांगी इलाके में एक परिवार को सिर्फ इसलिए बर्बरता का शिकार होना पड़ा क्योंकि उन्होंने चंद्रग्रहण के दिन मांसाहारी भोजन बनाया और खाया। इस घटना ने धर्म और आस्था के नाम पर होने वाली गुंडागर्दी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Chandra Grahan Controversy:
चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) एक खगोलीय घटना है जिसे विज्ञान के नजरिए से देखा जाता है। लेकिन भारत में आज भी कई लोग इसे अशुभ मानते हैं और इस दौरान भोजन करने या अन्य गतिविधियों से परहेज करते हैं। इस घटना में, एक परिवार को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने चंद्रग्रहण के दिन चिकन बिरयानी और मछली बनाई थी।
घटनक्रम:
पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने हमेशा की तरह रोजमर्रा के भोजन में चिकन बिरयानी और मछली बनाई थी। उनका मानना था कि चंद्रग्रहण एक प्राकृतिक और वैज्ञानिक घटना है, जिसका भोजन से कोई संबंध नहीं। परिवार ने बताया कि वे अपने घर के अंदर ही खाना खा रहे थे, लेकिन तभी कुछ धार्मिक कट्टरपंथी युवक नाराज हो गए। हमलावरों का आरोप था कि यह परिवार ‘हेतुवादी‘ या ‘तर्कवादी‘ है, यानी धर्म और भगवान में विश्वास नहीं रखता। इस वजह से उन्हें निशाना बनाया गया।
भीड़ का हमला:
गवाहों के अनुसार, करीब 15 युवकों की भीड़ ने अचानक परिवार के घर पर हमला कर दिया। हमलावरों ने जोर-जबरदस्ती से दरवाजा तोड़ा, खिड़कियों के शीशे चकनाचूर कर दिए और घर में घुसकर सभी पर हमला कर दिया। महिलाओं के कपड़े फाड़े गए, पुरुषों को लाठियों और डंडों से पीटा गया। घटना इतनी भयावह थी कि आसपास के लोग डर से घरों से बाहर नहीं निकले। इससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई। इस घटना ने आस्था के नाम पर होने वाली गुंडागर्दी की एक भयानक तस्वीर पेश की है।
पुलिस कार्रवाई:
घटना की जानकारी मिलते ही लिंगराज थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू में करने की कोशिश की। हालांकि, तब तक परिवार के कई सदस्य गंभीर रूप से घायल हो चुके थे और घर में तोड़फोड़ की जा चुकी थी। पुलिस ने घायलों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया और मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही हमलावरों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है।
यह घटना समाज में धार्मिक कट्टरता और अहिष्णुता की बढ़ती प्रवृत्ति का एक चिंताजनक उदाहरण है। सरकार और समाज को मिलकर ऐसे मामलों पर कठोर कार्रवाई करने और लोगों के बीच सहिष्णुता और समझौते को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। यह घटना कानून और व्यवस्था के लिए भी एक चुनौती है। भुवनेश्वर में हुई इस घटना ने एक बार फिर धर्म और आस्था के नाम पर हो रही गुंडागर्दी पर सवालिया निशान लगा दिया है। जनता को अब जागरूक होने और ऐसे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सहिष्णुता और समझौते की भावना को बढ़ावा देना जरूरी है।