तेल, दवा और बिजली के अलावा इन ज़रूरी चीज़ों के लिए भी भारत पर निर्भर, जानें आयात-निर्यात का पूरा ब्यौरा!

भारत-नेपाल व्यापार: भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक संबंध और नेपाल में संकट का खतरा

नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे भारत-नेपाल व्यापार के बारे में और जानेंगे कि कैसे नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शनों का असर भारत-नेपाल व्यापार पर पड़ सकता है। India Nepal Trade एक महत्वपूर्ण विषय है, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक साझेदारी बहुत गहरी है।

नेपाल की अर्थव्यवस्था और भारत की भूमिका

नेपाल अपनी आवश्यकताओं के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर है, खासकर तेल, बिजली, दवाइयां और अन्य जरूरी सामानों के लिए। नेपाल की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और पर्यटन पर निर्भर है, लेकिन उसके कुल व्यापार का 60% से ज्यादा हिस्सा भारत के साथ होता है। 2024 के आंकड़ों के अनुसार, भारत से नेपाल को लगभग 6.95 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ, जबकि नेपाल से भारत को लगभग 867 मिलियन डॉलर का आयात हुआ। यह आंकड़ा दिखाता है कि नेपाल की भारत पर निर्भरता कितनी अधिक है।

भारत से नेपाल को क्या निर्यात होता है?

भारत से नेपाल को विभिन्न प्रकार के सामान भेजे जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • पेट्रोलियम उत्पाद: 2.19 बिलियन डॉलर
  • स्टील और लोहा: 700.57 मिलियन डॉलर
  • मशीनरी और बॉयलर: 429.17 मिलियन डॉलर
  • वाहन और ऑटो पार्ट्स: 352.62 मिलियन डॉलर
  • इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स: 327.37 मिलियन डॉलर
  • प्लास्टिक: 278.50 मिलियन डॉलर
  • दवाइयां: 239.57 मिलियन डॉलर
  • इसके अतिरिक्त, रबर, पेपर, एल्युमिनियम और अन्य कई उत्पादों की आपूर्ति भी भारत से नेपाल को की जाती है। India Nepal Trade में इन सामानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

नेपाल से भारत को क्या आयात होता है?

नेपाल से भारत को जो सामान आयात किए जाते हैं, उनमें शामिल हैं:

  • वनस्पति तेल और वसा: 152.71 मिलियन डॉलर
  • इस्पात: 101.10 मिलियन डॉलर
  • कॉफी, चाय और मसाले: 98.05 मिलियन डॉलर
  • लकड़ी और उससे बने सामान: 70.89 मिलियन डॉलर
  • इसके अलावा, जूट प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल, फाइबर, नमक और पत्थर जैसे उत्पाद भी नेपाल से भारत आते हैं।

नेपाल में मौजूदा संकट और उसका प्रभाव

नेपाल में हाल ही में सोशल मीडिया बैन को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए, जिससे स्थिति गंभीर हो गई है। सरकार द्वारा फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर, इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद, लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध किया। सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में कई लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। हालांकि, सरकार ने अब बैन हटाने की घोषणा कर दी है और सोशल मीडिया सेवाएं धीरे-धीरे बहाल हो रही हैं।

अगर नेपाल में हिंसा और विरोध जारी रहते हैं, तो इसका सीधा असर भारत-नेपाल व्यापार पर पड़ सकता है। सप्लाई चेन में बाधा आने से नेपाल के लिए आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। भारत में नेपाली उत्पादों का सबसे बड़ा बाजार है और कई भारतीय कंपनियों के बड़े प्रोजेक्ट नेपाल में चल रहे हैं, जिनसे हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है। साथ ही, बड़ी संख्या में नेपाली मूल के नागरिक भारत में रोजगार के लिए आते हैं।

निष्कर्ष

भारत-नेपाल व्यापार दोनों देशों के लिए अहम है। नेपाल में स्थिरता और शांति भारत-नेपाल व्यापार के लिए बहुत जरूरी है। हमें उम्मीद है कि नेपाल में जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे, ताकि व्यापार निर्बाध रूप से चलता रहे और दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध बने रहें।

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