सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2026: नए नियमों का ऐलान!
नमस्कार दोस्तों! आज हम सीबीएसई (CBSE) की कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षाओं से जुड़ी एक बेहद महत्वपूर्ण खबर लेकर आए हैं। सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए कुछ नए नियम जारी किए हैं, जो छात्रों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। ये नियम शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से प्रभावी होंगे। यदि आप भी सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2026 देने वाले हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी होगा।
सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाओं की गंभीरता और अनुशासन को और भी मजबूत करने के लिए ये कदम उठाए हैं। अब सिर्फ परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करना ही काफी नहीं होगा, बल्कि छात्रों को दो साल तक नियमित उपस्थिति और आंतरिक मूल्यांकन में भी सक्रिय रूप से भाग लेना होगा। ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के अनुरूप हैं।
दो साल का अध्ययन अनिवार्य
सीबीएसई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं दो साल के कार्यक्रम के तहत आयोजित की जाएंगी। इसका मतलब है कि कक्षा 9वीं और 10वीं मिलकर 10वीं बोर्ड परीक्षा की नींव बनाएंगी, जबकि 11वीं और 12वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी का हिस्सा होंगी। यदि कोई छात्र बीच में दाखिला लेकर सीधे परीक्षा देने की कोशिश करता है, तो उसे इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी विषयों का अध्ययन दो साल तक लगातार करना अनिवार्य होगा। यह नियम परीक्षा की तैयारी को अधिक व्यवस्थित और गहन बनाएगा।
उपस्थिति: अब सबसे महत्वपूर्ण
नए नियमों के अनुसार, बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए अब 75% उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। स्कूलों को हर दिन छात्रों की उपस्थिति का रिकॉर्ड रखना होगा। यह कदम छात्रों में नियमितता और अनुशासन की भावना को बढ़ावा देगा। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे मेडिकल इमरजेंसी, किसी प्रियजन की मृत्यु या राष्ट्रीय स्तर के खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर, 25% तक की छूट दी जा सकती है, बशर्ते आपके पास वैध दस्तावेज हों। बिना किसी ठोस कारण के अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को अयोग्य माना जाएगा। यह बदलाव छात्रों को स्कूल में नियमित रूप से जाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
आंतरिक मूल्यांकन में भागीदारी जरूरी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, अब आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) को वैकल्पिक नहीं बल्कि अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें प्रोजेक्ट, कक्षा गतिविधियां, टेस्ट और व्यवहारिक सहभागिता शामिल हैं। यदि छात्र नियमित रूप से स्कूल नहीं आते हैं, तो वे स्वचालित रूप से इन मूल्यांकनों से वंचित रह जाएंगे। ऐसी स्थिति में, बोर्ड उनके परिणाम घोषित नहीं करेगा और उन्हें ‘एसेंशियल रिपीट’ श्रेणी में डाल दिया जाएगा, चाहे उन्होंने थ्योरी परीक्षा दी हो या नहीं। यह नियम छात्रों को अध्ययन में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा।
अतिरिक्त विषय और निजी उम्मीदवारों के लिए नियम
सीबीएसई ने अतिरिक्त विषयों (Additional Subjects) पर भी कुछ नियम बनाए हैं। कक्षा 10वीं के छात्र केवल दो अतिरिक्त विषय चुन सकते हैं, जबकि कक्षा 12वीं में सिर्फ एक अतिरिक्त विषय की अनुमति है। इन विषयों को भी दो साल तक पढ़ना अनिवार्य होगा। बिना योग्य शिक्षक और प्रयोगशाला वाले स्कूलों को ऐसे विषय पढ़ाने की अनुमति नहीं होगी।
जो छात्र कंपार्टमेंट परीक्षा (Compartment Exam) या ‘एसेंशियल रिपीट’ में आए हैं, वे निजी उम्मीदवार के रूप में दोबारा परीक्षा दे सकते हैं, लेकिन जिन छात्रों ने दो साल का नियमित अध्ययन और उपस्थिति पूरी नहीं की है, वे निजी उम्मीदवार के तौर पर भी अतिरिक्त विषय नहीं चुन सकेंगे।
निष्कर्ष
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2026 के लिए ये नए नियम छात्रों के लिए शैक्षणिक जीवन में अनुशासन, नियमितता और सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं। छात्रों को इन नियमों का पालन करना होगा ताकि वे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। यदि आप सीबीएसई से संबद्ध स्कूल में पढ़ रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप इन नियमों को अच्छी तरह समझ लें और उनका पालन करें। अपनी परीक्षा की तैयारी अभी से शुरू करें!
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