बेंगलुरु में दिल दहला देने वाला आत्महत्या का मामला: कर्नाटक में पारिवारिक आत्महत्या का दुखद अंत
Bangalore के Goonakanahalli गांव से एक ऐसी खबर आई है जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। यहां एक परिवार ने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाया है, जिसमें पति और दो बच्चों की जान चली गई। इस आत्महत्या के पीछे की वजह आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव और पति का अपनी पत्नी पर शक करना बताया जा रहा है। यह कर्नाटक में पारिवारिक आत्महत्या का एक दुखद उदाहरण है, जो समाज के लिए एक गहरी चिंता का विषय है।
इस भयानक घटना में, 32 वर्षीय शिवू और उसके दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि पत्नी मंजुला किसी तरह बच गई। पुलिस की जांच के मुताबिक, परिवार लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। शिवू अपनी पत्नी पर शक करता था, जिससे घर में कलह बनी रहती थी। इन तनावपूर्ण हालातों ने उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया, लेकिन बच्चों को अकेला छोड़ने का डर उन्हें सता रहा था। इसलिए, उन्होंने पहले अपने बच्चों की हत्या की और फिर खुदकुशी करने का फैसला किया।
पुलिस के मुताबिक, घटना वाले दिन दोपहर करीब 2 बजे दंपति ने शराब पी थी। उसके बाद, उन्होंने शाम 4 बजे अपनी 11 वर्षीय बेटी चंद्रकला का गला घोंट दिया और फिर उसका सिर पानी में डुबोकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद, उन्होंने 7 साल के बेटे उदय सूर्या के साथ भी यही क्रूरता की। बच्चों की हत्या के बाद, मंजुला ने फांसी लगाने की कोशिश की, लेकिन उसी दौरान बीमार शिवू को उल्टी होने लगी। उसने मंजुला को पास की दुकान से खाना लाने को कहा।
जब मंजुला वापस लौटी, तो उसने पाया कि शिवू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मंजुला भी दोबारा आत्महत्या करने का मन बना रही थी, लेकिन इससे पहले वह अपने पिता से बात करना चाहती थी। पति का फोन बंद होने पर, वह पड़ोसी के घर गई और वहीं से बात करने की कोशिश की। पड़ोसी से बातचीत के दौरान मंजुला की हालत देखकर संदेह हुआ और उसने तुरंत स्थानीय लोगों को सूचना दी। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर पुलिस को खबर दी।
पुलिस ने घटनास्थल से शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि शिवू कई साल पहले एक दुर्घटना का शिकार हुआ था, जिसके बाद वह ज्यादातर घर पर ही रहता था। उसका अपनी पत्नी के प्रति संदेह और आर्थिक संकट परिवार पर भारी पड़ा। पुलिस ने मंजुला को हिरासत में लिया है और मामले की आगे जांच जारी है। यह आत्महत्या का मामला कई सवाल खड़े करता है और मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक तनाव जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करता है। ग्रामीणों ने बताया कि परिवार लंबे समय से परेशानियों से गुजर रहा था लेकिन किसी ने अनुमान नहीं लगाया था कि वे इतना खौफनाक कदम उठा लेंगे।
इस घटना ने कर्नाटक में आत्महत्या की बढ़ती हुई घटनाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आत्महत्या एक गंभीर समस्या है, और हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि जरूरतमंद लोगों को समय पर मदद मिले। आत्महत्या के कारणों को समझने और उन्हें रोकने के लिए हमें समाज में जागरूकता बढ़ानी होगी, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना होगा और परिवारों को भावनात्मक समर्थन देना होगा। यह Bangalore Suicide Case हम सभी के लिए एक चेतावनी है, जो हमें मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक कल्याण के महत्व को याद दिलाती है। आत्महत्या को रोकने के लिए मिलकर काम करना बहुत जरूरी है।