क्रेमलिन की पोलैंड पर ‘ग्रेज़ोन’ हमले की साजिश: नाटो की एकजुटता खतरे में?
यूरोप में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि एक रूसी अधिकारी के चौंकाने वाले खुलासे ने भूराजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है। Vladimir Putin के नेतृत्व में क्रेमलिन क्रिसमस से पहले पोलैंड पर एक ‘ग्रेज़ोन’ हमले की योजना बना रहा है। यह हमला परमाणु हथियारों के बिना होगा, लेकिन इसका उद्देश्य नाटो की एकजुटता को परखना और यूरोप में अस्थिरता पैदा करना है।
ग्रेज़ोन रणनीति और इसका मतलब
‘ग्रेज़ोन’ हमला एक ऐसी रणनीति है, जिसमें पारंपरिक युद्ध की सीमा से बाहर की गतिविधियों का उपयोग किया जाता है। इसमें साइबर हमले, खुफिया जानकारी जुटाना, विभिन्न प्रकार की घुसपैठ और राजनीतिक हस्तक्षेप शामिल हो सकते हैं। रूस द्वारा पोलैंड पर संभावित ‘ग्रेज़ोन’ हमला, नाटो की प्रतिक्रिया को परखने और यूरोप में अशांति फैलाने का प्रयास हो सकता है। यह यूक्रेन युद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय संबंध में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।
खुलासे का विवरण: रूस की गुप्त योजना
यह जानकारी रूसी सेना के एक उच्च पदस्थ अधिकारी द्वारा दी गई है, जो अब देश छोड़कर जा चुके हैं। उनका दावा है कि मॉस्को ने क्रिसमस से पहले पोलैंड पर ‘ग्रेज़ोन’ हमले की योजना बनाई है। यह हमला, नाटो को कमजोर करने और यूरोप में राजनीतिक उथल-पुथल मचाने के लिए किया जा सकता है। इस खुलासे ने ब्रिटेन और अमेरिका में चिंता बढ़ा दी है, खासकर रूस द्वारा हाल ही में एस्टोनिया और पोलैंड के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने के बाद।
नाटो की प्रतिक्रिया: सुरक्षात्मक उपाय
नाटो ने इस खतरे के जवाब में अपनी रक्षा तैयारियों को तेज कर दिया है। ब्रिटेन ने घोषणा की है कि आरएएफ टाइफून विमान पोलैंड में हवाई रक्षा अभियान शुरू करेंगे। ये विमान फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क और स्वीडन की सेनाओं के साथ मिलकर पूर्वी सीमा की निगरानी करेंगे। ब्रिटेन और अमेरिका इस खुफिया जानकारी का विश्लेषण कर रहे हैं और संभावित जवाबी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं। यह नाटो की ओर से एक मजबूत संदेश है कि वह अपने सदस्य देशों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। NATO’s defense strategies are being re-evaluated.
हवाई क्षेत्र का उल्लंघन: बढ़ता तनाव
हाल ही में, रूस ने एस्टोनिया और पोलैंड के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की। एस्टोनिया में तीन मिग-31 लड़ाकू विमानों ने 12 मिनट तक उसकी हवाई सीमा का उल्लंघन किया, जिसे वहां के प्रधानमंत्री ने ‘अभूतपूर्व’ करार दिया। वहीं, पोलैंड के हवाई क्षेत्र में 19 ड्रोन भेजे गए, जिसे ब्रिटिश अधिकारियों ने नाटो क्षेत्र का सबसे गंभीर उल्लंघन बताया। रोमानिया में भी एक ड्रोन ने 10 किलोमीटर तक घुसकर 50 मिनट तक उड़ान भरी। यह घटनाक्रम यूरोप में बढ़ते तनाव का संकेत है।
निष्कर्ष: भविष्य की चुनौतियां
रूस की ये हरकतें नाटो के उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर दबाव बढ़ा रही हैं। दलबदल करने वाले जनरल की चेतावनी ने यूरोप में सर्दियों के करीब आते ही नाटो की तैयारियों को और जरूरी बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की यह रणनीति नाटो की एकता को तोड़ने और यूरोप में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश है। नाटो अब इस चुनौती का सामना करने के लिए अपनी रणनीति को और मजबूत कर रहा है। Global politics is being heavily impacted by the Ukraine war and now this potential Greyzone invasion. The security landscape is changing. International relations are at stake.