जुबीन गर्ग के निधन से संगीत जगत में मातम: सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हादसा, लाखों फैंस सदमे में!
असम और पूरे भारत के संगीत प्रेमियों के लिए एक दुखद खबर है। मशहूर गायक जुबीन गर्ग अब हमारे बीच नहीं रहे। Zubeen Garg, जिन्हें उनके सुपरहिट गाने ‘या अली’ से पूरे देश में पहचान मिली, का निधन हो गया है। मात्र 52 वर्ष की आयु में सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुए एक दुर्घटना में उनकी जान चली गई। यह खबर सुनकर हर कोई शोक में डूब गया है।
जुबीन गर्ग एक प्रतिभाशाली कलाकार थे, जिन्होंने संगीत की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई। वे 4th नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए थे, जहाँ 20 सितंबर को उनका शाम का लाइव शो होना था। दुर्भाग्यवश, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। स्कूबा डाइविंग के दौरान हुए हादसे के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की पूरी कोशिश के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
जुबीन गर्ग का जन्म 1972 में मेघालय के तुरा में हुआ था। उन्होंने असमिया, बंगाली और हिंदी फिल्मों में अपनी मखमली आवाज से लाखों लोगों का दिल जीता। उन्होंने 40 से ज्यादा भाषाओं में 38,000 से अधिक गाने गाए। ‘या अली’ उनकी सफलता की बस एक मिसाल थी। असम के लोकगीतों को रॉक और फ्यूजन स्टाइल में पेश करने का उनका अंदाज़ लाजवाब था। वे ढोल, गिटार, तबला जैसे 12 वाद्ययंत्र बजाने में माहिर थे। Music में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
जुबीन गर्ग केवल एक संगीतकार ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। उन्होंने बाढ़ राहत, शिक्षा और पर्यावरण के लिए अपनी फाउंडेशन के जरिए महत्वपूर्ण काम किया। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा, “आज असम ने अपना एक चहेता बेटा खो दिया। जुबीन की आवाज लोगों को ऊर्जा देती थी। वह हमेशा हमारे बीच उनके गानों से जिंदा रहेंगे।”
सबसे दुखद बात यह है कि जुबीन गर्ग ने अपनी मौत से ठीक एक दिन पहले, 16 सितंबर को अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में, वे 4th नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में शामिल होने के लिए सभी को आमंत्रित कर रहे थे। वे सिंगापुर में होने वाले इस फेस्टिवल के बारे में बताते हुए बहुत खुश दिख रहे थे। उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल में कृषि उत्पाद, हस्तशिल्प, चाय का अनुभव, नृत्य और संगीत के शानदार प्रदर्शन होंगे। वे इस फेस्टिवल में सांस्कृतिक ब्रांड एंबेसडर के रूप में भी भाग लेने वाले थे, और 20 सितंबर की शाम को अपने लोकप्रिय हिंदी, बंगाली और असमिया गानों से सबको मंत्रमुग्ध करने वाले थे।
यह वीडियो देखकर उनके फैंस का दिल टूट गया है। सोशल मीडिया पर हजारों कमेंट्स आ रहे हैं, जिनमें लोग उनके गानों को शेयर कर रहे हैं और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। एक फैन ने लिखा, “कल ही तो आपका इंतजार कर रहे थे, आज ये खबर आ गई। भगवान आपको शांति दे।” जुबीन गर्ग हमेशा अपने संगीत और अपनी यादों के जरिए हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे। May his soul rest in peace.