महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव 2026: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जानिए ताज़ा अपडेट
नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव ( Maharashtra Local Body Elections) से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर पर, जो राजनीति (Politics) और चुनाव (Elections) में रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए जानना ज़रूरी है। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने महाराष्ट्र सरकार ( Maharashtra Government) और राज्य चुनाव आयोग ( State Election Commission) को एक अहम निर्देश दिया है, जिसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: 31 जनवरी, 2026 तक चुनाव!
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव ( Local Body Elections) करवाने के लिए एक निर्णायक आदेश दिया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य चुनाव आयोग को 31 जनवरी, 2026 तक स्थानीय निकायों ( Local Bodies) के चुनाव कराने का निर्देश दिया है। यह फैसला (Decision) उन सभी लोगों के लिए राहत की खबर है जो लंबे समय से चुनावों ( Elections) का इंतज़ार कर रहे थे।
परिसीमन प्रक्रिया ( Delimitation Process) पर भी ज़ोर
अदालत ने अधिकारियों ( Officials) को इस साल 10 अक्टूबर तक परिसीमन प्रक्रिया ( Delimitation Process) पूरी करने का भी निर्देश दिया है। इसका मतलब है कि चुनाव आयोग ( Election Commission) को जल्द ही सीटों ( Seats) का परिसीमन ( Delimitation) करना होगा ताकि चुनाव ( Elections) समय पर हो सकें। परिसीमन (Delimitation) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो चुनाव क्षेत्रों ( Constituencies) की सीमाओं को निर्धारित करती है।
कोर्ट की नाराजगी और पिछली समय सीमा
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 6 मई को एक आदेश जारी किया था जिसमें चुनाव आयोग को चार सप्ताह के भीतर चुनावों ( Elections) की अधिसूचना ( Notification) जारी करने और चार महीने के भीतर चुनाव ( Elections) संपन्न कराने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, राज्य चुनाव आयोग ( State Election Commission) ने इस पर तुरंत कार्रवाई नहीं की, जिस पर अदालत ने गहरी नाराजगी जताई। कोर्ट ने आयोग ( Commission) की देरी पर सवाल उठाते हुए समय सीमा ( Deadline) का पालन करने में विफल रहने पर चिंता व्यक्त की।
देरी के कारण और कोर्ट का रुख
निर्वाचन आयोग ( Election Commission) ने देरी ( Delay) के कई कारण गिनाए, जैसे कि सीमांकन प्रक्रिया ( Delimitation Process), इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ( EVMs) की कमी, स्कूल भवनों ( School Buildings) की अनुपलब्धता और स्टाफ ( Staff) की कमी। लेकिन अदालत ने इन सभी दलीलों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बोर्ड परीक्षाएं ( Board Exams) मार्च 2026 में होंगी, इसलिए ये चुनाव ( Elections) स्थगित करने का आधार नहीं बन सकतीं। साथ ही, सीमांकन ( Delimitation) को भी चुनाव ( Elections) टालने का बहाना नहीं माना जाएगा।
अंतिम समय सीमा और अन्य निर्देश
कोर्ट ने आयोग ( Commission) को लॉजिस्टिक सहायता ( Logistic Support) की ज़रूरत होने पर 31 अक्टूबर, 2025 से पहले आवेदन करने का निर्देश दिया है, जिसके बाद कोई भी प्रार्थना स्वीकार नहीं की जाएगी। इसके अतिरिक्त, आयोग ( Commission) को ईवीएम ( EVMs) की उपलब्धता पर 30 नवंबर, 2025 तक शपथ-पत्र ( Affidavit) दाखिल करने का आदेश दिया गया है।
ओबीसी आरक्षण विवाद और चुनावों में देरी
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव ( Local Body Elections) 2022 से ही अटके हुए हैं। इसका मुख्य कारण अन्य पिछड़ा वर्ग ( Other Backward Classes – OBC) आरक्षण ( Reservation) को लेकर उत्पन्न विवाद रहा है। ये चुनाव ( Elections) जिला परिषद ( Zilla Parishad), पंचायत समिति ( Panchayat Samiti) और सभी नगर निगमों ( Municipal Corporations) सहित सभी स्थानीय निकायों ( Local Bodies) के लिए हैं।
निष्कर्ष:
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) के इस फैसले ( Decision) से महाराष्ट्र ( Maharashtra) में स्थानीय निकाय चुनावों ( Local Body Elections) के जल्द होने की उम्मीद जगी है। अब चुनाव आयोग ( Election Commission) को निर्धारित समय सीमा का पालन करते हुए चुनावों ( Elections) की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा। हम राजनीति (Politics) से जुड़ी ऐसी ही ताज़ा खबरों ( News) और अपडेट्स ( Updates) के लिए बने रहें!