बाढ़ पीड़ितों की मदद में संत बलबीर सिंह सीचेवाल की निस्वार्थ सेवा
पंजाब में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जिससे किसानों और आम लोगों की जिंदगी तबाह हो गई है। इस आपदा की घड़ी में, राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दिन-रात एक कर दिया है। उनका समर्पण और मानवतावादी रवैया सभी के लिए प्रेरणादायक है।
बाढ़ राहत कार्यों में संत सीचेवाल की भूमिका अद्वितीय रही है। उन्होंने न केवल बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया, बल्कि पीड़ितों की हर संभव मदद भी की। बाढ़ राहत के लिए उन्होंने एक विशाल नाव का निर्माण किया, जो भारी मशीनरी और जानवरों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने में सक्षम है। यह नाव बाढ़ पीड़ितों के लिए एक बड़ी सहायता साबित हुई है, क्योंकि इससे वे अपना कीमती सामान और पशुधन बचा पाए।
बाढ़ के दौरान, जब अन्नदाता अन्न के लिए तरस रहा था, तब संत सीचेवाल ने लोगों को सहारा दिया। उन्होंने प्रभावित किसानों के लिए राहत सामग्री वितरित की और उनकी आर्थिक मदद भी की। उन्होंने कहा कि बाढ़ की मार से किसानों के खेत और जिंदगियां पानी में डूब गईं, जिससे देश के खाद्य सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
बाढ़ के 29 दिन बाद भी मंड इलाके में ब्यास नदी का कहर जारी है, जिससे 46 गांव प्रभावित हुए हैं और लगभग 15,000 एकड़ जमीन पानी में डूब गई है। ऐसे में, संत सीचेवाल ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का काम जारी रखा है।
संत सीचेवाल और उनकी टीम रोज़ाना 10 घंटे नाव के जरिए प्रसाद, पानी, दवाइयों और अन्य जरूरी सामान बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंचाते हैं। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के बीच रहकर, परिवारों को बचाकर, और राहत सामग्री प्रदान करके अथक मेहनत की है। उन्होंने हर संभव कोशिश की है जिससे वह इस मुश्किल घड़ी में लोगों के साथ खड़े नज़र आते हैं।
उन्होंने अपनी इंग्लैंड की निर्धारित यात्रा भी रद्द कर दी, ताकि वह बाढ़ पीड़ितों की मदद कर सकें। संत सीचेवाल का कहना है कि वह ऐसे समय में अपने लोगों को अकेला नहीं छोड़ सकते। उनके इस निस्वार्थ कार्य ने कई अन्य राजनेताओं को भी प्रेरित किया, जिन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों में हाथ बंटाया।
पूर्व क्रिकेटर और राज्यसभा सदस्य हरभजन सिंह ने भी बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया और लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पंजाब के जल संसाधन मंत्री और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया।
किसान निर्मल सिंह ने कहा, “जब हमारे खेत पानी में चले गए, तो हमने सोचा कि सब कुछ खत्म हो गया है। लेकिन जब बाबा जी (सीचेवाल) हर सुबह अपनी नाव में आते थे, तो हमें महसूस हुआ कि हम अकेले नहीं हैं।” यह वाक्य संत सीचेवाल के नेक कामों की गवाही देता है और दर्शाता है कि वह इस मुश्किल घड़ी में बाढ़ पीड़ितों के साथ हैं।
संत सीचेवाल का यह मानवीय चेहरा, पंजाब के लोगों के लिए एक मिसाल है। उन्होंने साबित कर दिया है कि आपदा की घड़ी में जनसेवा सबसे महत्वपूर्ण है। संत सीचेवाल की सेवा भावना और समर्पण बाढ़ पीड़ितों के लिए एक उम्मीद की किरण है। उनकी निस्वार्थ सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा। flood relief, disaster management, community service, humanitarian aid, helping flood victims, seva, social work, India floods, Punjab Floods.