अमेरिका में भारतीय मूल के व्यक्ति की नृशंस हत्या: बाइडेन प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप
टेक्सास में भारतीय मूल के नागरिक चंद्र नागल्लैया की नृशंस हत्या ने पूरे विश्व को हिलाकर रख दिया है। यह एक ऐसी अपराध की घटना है जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया है। इस घृणित घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ, जिसमें लोगों ने हमलावर के खिलाफ अपना गुस्सा ज़ाहिर किया। इस बीच, अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने इस मामले पर एक बड़ा बयान जारी किया है, जिससे राजनीतिक विवाद भी खड़ा हो गया है।
DHS का कहना है कि अगर जो बाइडेन प्रशासन ने “आपराधिक अवैध विदेशी” को रिहा नहीं किया होता, तो शायद इस हत्या को टाला जा सकता था। विभाग ने यह भी कहा कि अब अवैध प्रवासियों को अमेरिका में रहने की अनुमति नहीं है।
बाइडेन प्रशासन की चूक: क्या एक जान बचाई जा सकती थी?
डीएचएस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि एक राक्षस ने एक व्यक्ति का सिर उसकी पत्नी और बच्चे के सामने काट दिया और उसके बाद सिर को ज़मीन पर लात मारी। यह एक ऐसी घृणित हत्या थी जिसे रोका जा सकता था, अगर इस अपराधी, जो एक अवैध विदेशी था, को बाइडेन प्रशासन द्वारा जेल से रिहा नहीं किया जाता। विभाग ने यह भी बताया कि क्यूबा इस व्यक्ति को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है, जिसके कारण आपराधिक अवैध विदेशियों को तीसरे देशों में भेजा जा रहा है। पोस्ट में आगे कहा गया कि अगर आप अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करते हैं, तो आपको एस्वातिनी, युगांडा, दक्षिण सूडान या CECOT भेजा जा सकता है। इस पूरी घटना ने अमेरिका में प्रवासियों की सुरक्षा और इमिग्रेशन पॉलिसी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ट्रंप का बयान: न्याय की मांग
इस दुखद घटना पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि उन्होंने चंद्र नागमल्लैया की हत्या की भयानक रिपोर्ट पढ़ी, जिसमें उन्हें डलास के एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में वर्णित किया गया था। ट्रंप ने कहा कि डलास में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति की हत्या क्यूबा से आए एक अवैध विदेशी द्वारा की गई, जो मृतक की पत्नी और बच्चों के सामने हुई। ट्रंप ने आश्वासन दिया कि आरोपी को कानून की पूरी ताकत का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है और उस पर प्रथम श्रेणी की हत्या का आरोप लगाया जाएगा। यह घटना टेक्सास में वॉशिंग मशीन को लेकर हुए विवाद के बाद हुई, जिसमें मोटेल मैनेजर चंद्र नागमल्लैया और आरोपी के बीच झगड़ा हुआ था। इस घटना ने अमेरिका में आपराधिक न्याय प्रणाली और सीमा सुरक्षा को लेकर बहस को जन्म दिया है। अमेरिकी सरकार पर अब प्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने का दबाव है। भारत सरकार भी इस मामले पर नज़र रख रही है। भारतीय समुदाय में इस घटना को लेकर गहरा दुख और गुस्सा है। Justice for Chandrasekhar Nagamallaiah जैसी सोशल मीडिया कैंपेन भी चल रही हैं, जो न्याय की मांग कर रही हैं।