अशोक राज सिग्देल बने आर्मी चीफ, क्या है उनकी भूमिका?

नेपाल में राजनीतिक संकट: जनरल अशोक राज सिग्देल – नेपाल के सेना प्रमुख जो स्थिरता का प्रतीक बने

नेपाल इन दिनों एक गंभीर राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। देश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा ने शासन को हिलाकर रख दिया है। इस अशांति के बीच, नेपाल सेना ने कानून व्यवस्था बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और इस मुश्किल दौर में, जनरल अशोक राज सिग्देल, जो नेपाल के सेना प्रमुख हैं, एक प्रमुख व्यक्तित्व के रूप में उभरे हैं।

केपी शर्मा ओली के इस्तीफे ने काठमांडू में एक सत्ता का शून्य पैदा कर दिया है, जिससे देश में अशांति का माहौल बन गया है। इस नाजुक स्थिति में, जनरल अशोक राज सिग्देल ने शांति बनाए रखने का आग्रह किया है, खासकर युवा प्रदर्शनकारियों से बातचीत के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालने का आह्वान किया है। उन्होंने हिंसा से दूर रहने और संवाद को अपनाने का आग्रह किया है। नेपाल सेना ने नागरिकों की जान, सम्मान और संपत्ति की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

जनरल सिग्देल ने नेपाल की सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने और राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया है।

प्रदर्शनों में हिंसा और अराजकता

विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं। ऐसी खबरों के अनुसार, जनरल सिग्देल ने ओली को खून खराबे से बचने के लिए इस्तीफा देने की सलाह दी थी। शुरुआती दौर में प्रदर्शनों में कम से कम 20 लोगों की जान चली गई।

जनरल अशोक राज सिग्देल: एक परिचय

1 फरवरी, 1967 को जन्मे जनरल अशोक राज सिग्देल ने 1986 में नेपाल सेना में शामिल होकर 1987 में 25वें बेसिक कोर्स में टॉप किया और कमीशन प्राप्त किया। सेना में शामिल होने से पहले, वह राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज थे और ताइक्वांडोटेबल टेनिस में भी माहिर थे। त्रिभुवन विश्वविद्यालय से एमए और चीन के नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से स्ट्रैटेजिक स्टडीज में मास्टर्स करने वाले सिग्देल ने भारत के सिकंदराबाद में डिफेंस मैनेजमेंट कोर्स और नेपाल में नागरकोटआर्मी कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से प्रशिक्षण लिया है।

जनरल अशोक राज सिग्देल का कैरियर

सिग्देल ने युगोस्लाविया, ताजिकिस्तान और लाइबेरिया में संयुक्त राष्ट्र मिशनों में शांति सेना के रूप में सेवा दी है। उन्हें नेपाल सरकार द्वारा सुप्रबल जनसेवाश्री तृतीय और दो सीओएएस प्रशंसा बैज से सम्मानित किया गया है। 2023 में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नति के बाद, वह 2024 में नेपाल सेना के 45वें प्रमुख बने।

2024 में भारत दौरे के दौरान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें भारतीय सेना के मानद जनरल का रैंक प्रदान किया। यह सम्मान उनकी सैन्य कुशलता और भारत-नेपाल के मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए दिया गया। भारत और नेपाल के सेना प्रमुखों को 1950 से मानद जनरल की उपाधि देने की परंपरा रही है।

सिग्देल की नेतृत्व यात्रा

सिग्देल ने बटालियन, ब्रिगेड और डिवीजन कमांडर के रूप में सेवा दी है। वह मिलिट्री ऑपरेशंस के निदेशक, इंस्पेक्टर जनरल, स्टाफ ड्यूटी के डीजी और सेना प्रमुख के सैन्य सहायक भी रहे। उन्होंने काउंटरइंसर्जेंसी एंड जंगल वॉरफेयर स्कूल का नेतृत्व किया और 2019 में कोविड संकट प्रबंधन केंद्र का संचालन किया। 2022 में उन्होंने अमेरिका-नेपाल लैंड फोर्स टॉक्स में नेपाल का प्रतिनिधित्व किया।

नेपाल में स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए जनरल अशोक राज सिग्देल की भूमिका आज महत्वपूर्ण है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता इस संकट के समय में नेपाल के लिए एकजुटता और स्थिरता प्रदान कर रही है। नेपाल सरकार और नेपाल की जनता को उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में देश इस राजनीतिक उथल-पुथल से उबर जाएगा और शांति और समृद्धि की ओर अग्रसर होगा।

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