विवाह पंचमी 2025: आज का पंचांग, शुभ मुहूर्त और ग्रहों की स्थिति
सनातन धर्म में विवाह पंचमी का विशेष महत्व है। यह पर्व हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि त्रेतायुग में इसी तिथि पर भगवान राम का देवी सीता से विवाह हुआ था। इसलिए, यह दिन श्रीराम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देवी-देवताओं की पूजा करने और व्रत रखने से जीवन में स्थिरता आती है और प्रेम जीवन में मधुरता बढ़ती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, आज 25 नवंबर 2025 को विवाह पंचमी का पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है।
आज की तिथि (Aaj Ki Tithi)
आज देर रात 10 बजकर 57 मिनट तक मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रहेगी। इसके बाद षष्ठी तिथि का आरंभ होगा, जो कल सुबह तक रहेगी। यह शुभ तिथि कई धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
संवत और चंद्रमास (Samvat aur Chandramaas)
आज का संवत और चंद्रमास भी पंचांग में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।
करण और नक्षत्र (Karan aur Nakshatra)
इस समय बव करण चल रहा है, जो सुबह 10:13 मिनट तक रहेगा। इसके बाद बालव करण का आरंभ होगा, जो देर रात 10:57 मिनट तक रहेगा। दिन के अंत में कौलव करण रहेगा। नक्षत्र की बात करें तो इस समय उत्तराषाढ़ा नक्षत्र चल रहा है, जो रात 11:57 मिनट तक रहेगा। इसके बाद श्रवण नक्षत्र का आरंभ होगा, जो कल सुबह तक रहने वाला है। करण और नक्षत्र का ज्योतिष में विशेष महत्व है। इनसे दिन के शुभ और अशुभ मुहूर्त का पता चलता है।
सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय और चन्द्रास्त (Suryoday, Suryast, Chandroday aur Chandrast)
- सूर्योदय: प्रात: काल 06:52 पर
- सूर्यास्त: शाम 05:24 पर
- चन्द्रोदय: सुबह 11:02 पर
- चन्द्रास्त: रात 09:33 पर
आज के शुभ-अशुभ योग (Shubh-Ashubh Yog)
आज प्रात: काल से लेकर दोपहर 12:49 मिनट तक गण्ड योग रहेगा। इसके बाद वृद्धि योग का आरंभ होगा, जो कल सुबह तक रहने वाला है। रवि योग आज देर रात 11:57 मिनट से लेकर कल सुबह 06:53 मिनट तक रहेगा। विडाल योग की बात करें तो वो शाम 05:29 मिनट से लेकर 26 नवंबर की सुबह 01:41 मिनट तक रहेगा। इन योगों का प्रभाव विभिन्न राशियों पर पड़ता है।
आज का शुभ समय (Shubh Samay)
आज के शुभ समय में किए गए कार्य सफल होते हैं। पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त देखकर ही कोई महत्वपूर्ण कार्य करना चाहिए।
आज का अशुभ समय (Ashubh Samay)
आज के अशुभ समय में कोई भी नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। इससे कार्य में बाधा आने की संभावना रहती है। राहुकाल और यमगंड जैसे अशुभ मुहूर्त को जानना आवश्यक है।
9 ग्रहों की स्थिति (9 Grahon ki Sthiti)
- राहु ग्रह: कुंभ राशि
- शनि ग्रह: मीन राशि
- केतु ग्रह: सिंह राशि
- देवगुरु बृहस्पति: कर्क राशि
- शुक्र और बुध ग्रह: तुला राशि
- चंद्र ग्रह: धनु और मकर राशि (संचार)
- मंगल और सूर्य ग्रह: वृश्चिक राशि (युति)
ग्रहों की स्थिति का ज्योतिषीय विश्लेषण भविष्यफल और राशिफल के लिए महत्वपूर्ण होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।
