NDA Manifesto 2025: बिहार चुनाव से पहले एनडीए का घोषणापत्र
आज 31 अक्टूबर, शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) अपना घोषणा-पत्र जारी करने जा रहा है। पटना के होटल मौर्या में एनडीए के ‘संकल्प पत्र’ का अनावरण किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई शीर्ष नेता शामिल होंगे, जिनमें केंद्रीय मंत्री और BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री और HMA (S) के संरक्षक जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री और LJP (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान, और RLM प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी मौजूद रहेंगे। यह बिहार चुनाव 2025 के लिए एनडीए के विजन और प्राथमिकताओं को उजागर करेगा।
बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए की सीटों का बंटवारा
बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, और 14 नवंबर को मतगणना होगी। एनडीए गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल (यूनाइटेड) दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। इसके अतिरिक्त, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीटों पर, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) 6 सीटों पर, और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा भी 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। यह गठबंधन बिहार में सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और विकास और प्रगति के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
महागठबंधन का ‘तेजस्वी प्रण’: एक समीक्षा
गौरतलब है कि 28 अक्टूबर को इंडिया महागठबंधन ने अपना घोषणा पत्र ‘तेजस्वी प्रण’ जारी किया था। इस घोषणा पत्र को महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और VIP चीफ मुकेश सहनी, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, और भाकपा (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य ने मिलकर जारी किया था। इसमें महागठबंधन ने 20 वादे किए हैं, जिनमें रोजगार, महिला सशक्तिकरण, और सामाजिक सुरक्षा को लेकर वादे शामिल हैं। बिहार के मतदाता अब दोनों गठबंधनों के वादों का मूल्यांकन कर सकते हैं और अपनी पसंद के अनुसार मतदान कर सकते हैं।
महागठबंधन ने अपनी सरकार बनने पर 20 दिनों के भीतर सरकारी नौकरी देने का वादा किया है। इसके अलावा, जीविका दीदी को स्थायी दर्जा और 30 हजार रुपये प्रति माह वेतन देने का भी वादा किया गया है। तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी ने यह भी दावा किया है कि वे बिहार को एक नई दिशा देने के लिए सत्ता में आना चाहते हैं। महागठबंधन ने अगले 30 से 35 सालों के बिहार को ध्यान में रखकर वादे किए हैं, और उन्हें उम्मीद है कि बिहार की जनता उन्हें सेवा करने का अवसर जरूर देगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए इन वादों का मुकाबला कैसे करता है और बिहार चुनाव 2025 में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए अपनी रणनीति कैसे पेश करता है।
