क्या खेसारी लाल यादव दिला पाएंगे RJD का छपरा में खोया हुआ रुत्बा? लालू यादव की विरास्त रही है सीट – Nepal Updates | Stock Exchange

बिहार चुनाव 2025: छपरा में क्या खेसारी लाल यादव पलटेंगे बाजी?

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है। सभी की निगाहें सारण जिले की हॉट सीट छपरा पर टिकी हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह हैं खेसारी लाल यादवराजद ने उन्हें इस सीट से विधानसभा का टिकट दिया है। क्या आप जानते हैं कि छपरा की सीट लालू यादव की प्रयोगशाला मानी जाती है? इसी सीट से लालू ने पिछड़ों के सामाजिक न्याय का नारा दिया था। मगर अब उनसे यह सीट ऐसे छीनी गई कि कोशिशों के बाद भी उन्हें इस सीट पर वापिस जीत का स्वाद चखने को नहीं मिला। क्या खेसारी लाल यादव, लालू के इस गढ़ को फिर से राजद के पाले में ला पाएंगे? बिहार की राजनीति में यह एक बड़ा सवाल है। राजनीतिक विश्लेषण और चुनावी रणनीति पर सबकी नजर है।

लालू प्रसाद यादव के जीवनकाल में राजनीतिक सफर की शुरुआत छपरा से ही हुई थी। उन्होंने इस सीट से ‘पिछड़ों के सामाजिक न्याय’ का नारा लगाया था। साल 1990 में जब बिहार में कांग्रेस का वर्चस्व खत्म हो गया था तब लालू यादव ने छपरा सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट पर उन्हें राजद की तरफ से तीन बार जीत हासिल हुई थी। इसलिए, छपरा को लालू का गढ़ माना जाने लगा था। लगातार दो दशकों तक यह सीट राजद के कब्जे में थी।

लालू यादव ने छपरा सीट से ही लोकसभा चुनाव जीता था। 2004 और 2009 में लालू को यहां से बहुमत के साथ जीत हासिल की थी। मगर एक समय के बाद उनके हाथों से यह सीट चली गई। लालू ने राजद से छपरा के लिए पत्नी राबड़ी देवी और बेटी रोहिणी आचार्य को भी टिकट दिया था मगर उन्हें कभी यहां से जीत नहीं मिली। अब खेसारी लाल यादव को राजद का स्टार माना जा रहा है, जो इस सीट को जीत सकता है। बिहार चुनाव में खेसारी की लोकप्रियता क्या गुल खिलाती है, देखना होगा। राजनीतिक दलों की नजर अब छपरा चुनाव परिणाम पर टिकी है।

छपरा में लालू का वर्चस्व खत्म होगा, यह गौर करने की बात थी। मगर 2005 के बाद यहा समीकरण पूरी तरह से बदल गए थे। बीजेपी और जेडीयू ने गठबंधन के साथ इस सीट को लालू के हाथों से छीन लिया था। इस गठबंधन की जोड़ी ने यहां नए समीकरणों को गढ़ा जिसमें बीजेपी ने वैश्य, भूमिहार और सवर्ण वर्ग के लोगों के वोट एकत्रित किए। वहीं, नीतीश की पार्टी ने अतिपिछड़ा और महिलाओं का वोट बैंक मजबूत किया। बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण का भी बड़ा रोल होता है। छपरा में क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

इस सीट से लालू लोकसभा चुनाव भी हार गए थे। 2014 में भाजपा से राजीव प्रताप रूडी इस सीट से सांसद बने और सीएन गुप्ता विधायक बने। बीते दो दशकों में RJD ने यहां से सिर्फ एक उपचुनाव में जीत हासिल की है।

राजद ने इस बार विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा दांव खेला है। इस सीट पर लालू यादव की पार्टी ने भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव को टिकट दिया है। खेसारी एक चर्चित चेहरा है क्योंकि उनकी पॉपुलेरिटी बिहार और यूपी के युवाओं के बीच काफी है। खेसारी लाल यादव के गाने, डायलॉग और फिल्में भी प्रवासियों पर आधारित होती हैं। इसलिए, उन्हें इस सीट से एक ताकतवर उम्मीदवार माना जा रहा है। उनके कैंपेन से पहले दूध से स्नान और 5 लाख के सिक्के भी लुटाए गए थे, जिससे पता चलता है कि उनकी लोकप्रियता राजद के वोट बैंक को मजबूत कर सकती है। खेसारी लाल यादव का चुनावी अभियान कितना सफल होगा, यह आने वाला वक़्त ही बताएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो छपरा में बनिया वोटर्स की गिनती सबसे ज्यादा है। यहां करीब 90 हजार बनिये, 50,000 राजपूत, 45 हजार यादव, 39 हजार मुसलिम और 22 हजार से ज्यादा अन्य वोटर्स है। इस सीट पर अधिकांश यादव और राजपूत विधायक ही रहे हैं। इस वजह से माना जा रहा है कि खेसारी को जीत मिल सकती है। जातीय समीकरण और युवाओं के समर्थन के आधार पर खेसारी लाल यादव की जीत की संभावना जताई जा रही है। बिहार चुनाव 2025 में छपरा की सीट पर क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top