ग्रेटर नोएडा न्यूज़: पागल कुत्ते का आतंक, ग्रामीणों में दहशत!
ग्रेटर नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र स्थित खेरली भाव गांव में एक पागल कुत्ता ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बन गया है। शुक्रवार को इस आवारा कुत्ते ने एक साथ चार लोगों पर हमला कर उन्हें बुरी तरह से घायल कर दिया। इससे पहले, बुधवार को भी इसी खतरनाक कुत्ते ने एक व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल किया था, जिनका इलाज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है और उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है। लगातार हो रहे कुत्ते के हमलों से गांव में भय का माहौल व्याप्त है और लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। ग्रामीणों ने यमुना प्राधिकरण से तत्काल आवारा कुत्तों को पकड़ने की मांग की है, ताकि इस जानलेवा खतरे से निजात मिल सके। कुत्ते के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।
युवक की हालत गंभीर
ग्रामीण सरफुद्दीन पर बुधवार को कुत्ते का हमला तब हुआ, जब वे खेत जा रहे थे। उनके परिजनों ने उन्हें पहले ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। गंभीर रूप से घायल सरफुद्दीन के परिवार वाले उनकी सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं। कुत्ते के काटने के बाद उचित इलाज न मिलने पर जान का खतरा भी हो सकता है।
एक साथ 4 पर हमला
शुक्रवार को पागल कुत्ते ने एक बार फिर आतंक मचाते हुए चार अन्य लोगों को घायल कर दिया। इनमें कन्नौज निवासी सतेंद्र यादव, गांव के नंद किशोर, पांच वर्षीय नायरा और छह वर्षीय रहनुमा शामिल हैं। सभी लोग अलग-अलग स्थानों पर अपने कार्यों से बाहर निकले थे, तभी कुत्ते ने उन पर झपट्टा मारा। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए दनकौर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। कुत्ते के हमले के बाद घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई। रेबीज का खतरा बढ़ने से लोगों में डर का माहौल है।
रोज़ पहुंच रहे 150 लोग
ग्रेटर नोएडा के डाढ़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. नारायण किशोर ने बताया कि हाल के दिनों में रेबीज के डर से दनकौर और डाढ़ा स्वास्थ्य केंद्रों पर रोजाना 150 से अधिक लोग रेबीज का टीका लगवा रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द पागल कुत्ते को पकड़ा जाए, ताकि गांव में फैली दहशत समाप्त हो सके। टीकाकरण अभियान तेज करने की आवश्यकता है ताकि रेबीज से बचाव किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। आवारा पशुओं की समस्या को हल करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
