खैबर पख्तूनख्वा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद इलियास कश्मीरी की जिहाद की रैली: आतंकवाद और युवाओं को भड़काना
नमस्ते दोस्तों,
आज हम एक गंभीर मुद्दे पर बात करेंगे, जो आतंकवाद और जिहाद के नाम पर युवाओं को भड़काने से जुड़ा है। हाल ही में, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद इलियास कश्मीरी ने एक रैली निकाली, जिसमें उसने जिहाद को सही ठहराया और युवाओं से आतंकी संगठन में शामिल होने का आह्वान किया। यह घटना आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक चिंताजनक मोड़ है।
मसूद इलियास कश्मीरी ने 14 सितंबर, 2025 को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक रैली में भाषण दिया, जिसमें उसने जिहाद को इस्लाम का हिस्सा बताते हुए लोगों को भड़काया। उसने दावा किया कि अल्लाह ने उसे जिहाद का मिशन दिया है और लोगों से अपील की कि वे इस “मिशन” से जुड़ें। उसने अपने भाषण में हमास का भी जिक्र किया और कहा कि वह मुस्लिम देशों की रक्षा के लिए लड़ रहा है।
कश्मीरी ने अपनी रैली में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए कहा कि ये लोग जिहाद में दखल डाल रहे हैं और उन्हें मिटाने के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए। उसने कहा, “अल्लाह ने मुझे जिहाद का मिशन दिया है। मैं अपनी तलवार से लड़ता रहूंगा, चाहे कोई भी हो – चौधरी, अमीर, ट्रम्प, नेतन्याहू, मोदी।” उसका लक्ष्य लोगों को “ला इलाहा इल्लल्लाह” कहने के लिए प्रेरित करना है।
Twitter पर भी इस रैली की जानकारी शेयर की गई, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी द्वारा युवाओं को भर्ती करने की कोशिश को दिखाया गया।
कश्मीरी के इस भाषण में हमास का समर्थन भी शामिल था, जिसे उसने “मुकद्दस की रक्षा के लिए लड़ने वाले मुजाहिदीन” बताया। उसने मुस्लिम समुदाय से जिहाद में शामिल होने की अपील की और दावा किया कि यह प्रभु का कुरान और नबी का तरीका है। यह रैली युवाओं को आतंकवाद के रास्ते पर लाने के लिए एक भर्ती अभियान का हिस्सा थी।
इस रैली में भारी संख्या में लोग मौजूद थे, जिनमें बड़ी संख्या में युवा भी शामिल थे। यह पाकिस्तान और भारत के बीच के तनावपूर्ण संबंधों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है, खासकर बालाकोट हवाई हमलों और एनआईए द्वारा कश्मीरी की भूमिका की पुष्टि के बाद। यह घटना आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक चुनौती पेश करती है और हमें आतंकवाद को रोकने और युवाओं को इस खतरे से बचाने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि आतंकवाद आज भी एक वास्तविक खतरा है, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा और युवाओं को आतंकवाद के जाल में फंसने से बचाना होगा। यह अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद से लड़ाई और आतंकवाद विरोधी उपाय करने के लिए एक महत्वपूर्ण समय है।