दिल्ली BMW हादसा: एक गहरा विवाद और अनसुलझे सवाल (Delhi BMW Accident: Unanswered Questions)
Delhi BMW accident ने दिल्ली में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। यह दुखद घटना दिल्ली के धौला कुआं इलाके में हुई, जिसमें वित्त मंत्रालय के उप सचिव नवजोत सिंह की दुखद मौत हो गई और उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह घटना दिल्ली में सड़क दुर्घटना का एक और दर्दनाक उदाहरण है, जो कई सवाल खड़े करता है।
इस हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि आरोपी गगनप्रीत कौर ने पीड़ितों को पास के ट्रॉमा सेंटर या किसी नजदीकी अस्पताल ले जाने की बजाय 19 किलोमीटर दूर एक निजी अस्पताल में क्यों ले गईं। यह फैसला कई विवादों को जन्म दे रहा है और पुलिस जांच में भी इसकी गहराई से पड़ताल की जा रही है।
गगनप्रीत कौर का बचाव पक्ष (Gaganpreet Kaur’s Statement)
पुलिस पूछताछ में, गगनप्रीत कौर ने बताया कि वह हादसे के समय घबराई हुई थीं। उन्होंने कहा कि उन्हें उस समय केवल उस अस्पताल का नाम याद आया जहाँ उनके बच्चे Covid के दौरान भर्ती हुए थे। इसलिए, उन्होंने पीड़ितों को GTB नगर स्थित अस्पताल ले जाने के लिए कहा। हालांकि, पुलिस ने पुष्टि की है कि मौके पर मौजूद एक डिलीवरी वैन के चालक ने भी गगनप्रीत कौर के कहने पर ही पीड़ितों को उस अस्पताल पहुंचाया।
पीड़ित परिवार का आरोप (Victim’s Family Allegations)
नवजोत सिंह की पत्नी और बेटे का आरोप है कि गगनप्रीत कौर ने जानबूझकर पास के अस्पतालों को नजरअंदाज किया। संदीप कौर ने अपनी FIR में कहा कि हादसे के बाद उनके पति जिंदा थे और उन्होंने कई बार आरोपी से पास के ट्रॉमा सेंटर ले जाने का अनुरोध किया, लेकिन गगनप्रीत कौर ने उनकी एक नहीं सुनी। बेटे ने तो यहां तक दावा किया कि आरोपी ने उन्हें उस अस्पताल में इसलिए पहुंचाया क्योंकि अस्पताल के मालिक उनके परिचित थे। यह दिल्ली में लापरवाही का एक और उदाहरण हो सकता है, अगर आरोपों की पुष्टि होती है।
प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही (Witness Testimony)
डिलीवरी वैन चलाने वाले मोहम्मद गुलफाम ने बताया कि उन्होंने हादसा देखा और मदद के लिए रुके। उन्होंने कहा कि गगनप्रीत के कहने पर ही उन्होंने पीड़ितों को उस निजी अस्पताल तक पहुंचाया। गुलफाम ने यह भी माना कि उस वक्त उन्होंने वही किया जो उन्हें सही लगा। वहीं, मौके पर मौजूद अन्य लोगों का कहना है कि हादसे के तुरंत बाद सही इलाज मिलने पर नवजोत सिंह की जान बच सकती थी।
जांच और आगे की कार्रवाई (Investigation and Further Action)
दिल्ली पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। BMW और मोटरसाइकिल दोनों को जब्त कर लिया गया है। फॉरेंसिक टीम ने भी घटना स्थल की जांच की है। गगनप्रीत कौर और उनके पति, जो खुद भी घायल हुए थे, फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं। कोर्ट ने आरोपी को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
यह दिल्ली BMW accident केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं है; यह दिल्ली में सड़क सुरक्षा और दुर्घटना के बाद आपातकालीन देखभाल की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। इस मामले में, यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या अस्पताल दूर ले जाने का फैसला एक गलती थी या इसके पीछे कोई और वजह छिपी है। दिल्ली पुलिस की जांच इस हादसे के पीछे की सच्चाई को उजागर करेगी और यह सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि न्याय हो। यह घटना सड़क सुरक्षा जागरूकता और दुर्घटना के बाद त्वरित कार्रवाई के महत्व पर बल देती है। हमें दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।