भारत-डेनमार्क संबंध: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेटे फ्रेडरिक्सन की फोन पर बातचीत, मजबूत होते रिश्ते! – ब्लॉग पोस्ट
नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे भारत और डेनमार्क के बीच तेजी से मजबूत हो रहे द्विपक्षीय संबंधों की। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन से फोन पर बातचीत की, जिससे दोनों देशों के बीच की भागीदारी को और मजबूती मिली है। यह बातचीत भारत-डेनमार्क संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग को बढ़ावा देगा।
भारत और डेनमार्क के बीच की कूटनीतिक दोस्ती नए आयाम छू रही है। दोनों नेताओं ने न सिर्फ द्विपक्षीय सहयोग पर जोर दिया, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। यह बातचीत भारत और डेनमार्क के बीच समझौते और सहयोग के एक नए युग की शुरुआत करती है।
ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को और मजबूती
पीएमओ द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने भारत-डेनमार्क ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। यह पार्टनरशिप व्यापार, निवेश, नवाचार, ऊर्जा, जल प्रबंधन, खाद्य प्रसंस्करण और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को गति देने पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री मोदी ने डेनमार्क को यूरोपीय संघ परिषद की अध्यक्षता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए शुभकामनाएं भी दीं। यह समझौता भारत और डेनमार्क के बीच सकारात्मक संबंधों को दर्शाता है।
वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा
दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर भी बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थायी नीति दोहराई और शांति बहाली की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन ने रूस-यूक्रेन युद्ध के वैश्विक असर का उल्लेख करते हुए सहयोग की अहमियत को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने वैश्विक चुनौतियों का समाधान मिलकर खोजने की बात कही, जो अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व को दर्शाता है। यह बातचीत वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (India-EU Free Trade Agreement)
प्रधानमंत्री फ्रेडरिकसन ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते ( India-EU Free Trade Agreement) के शीघ्र निष्कर्ष पर डेनमार्क का समर्थन दोहराया। उन्होंने भारत द्वारा 2026 में आयोजित किए जाने वाले एआई इम्पैक्ट समिट की सफलता के लिए भी शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि दोनों देशों ने ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप और एफटीए पर आगे बढ़ने की मजबूत प्रतिबद्धता जताई है। यह समझौता व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा। एफटीए एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत और डेनमार्क के आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा।
ऐतिहासिक रिश्ते और आगे की राह
भारत और डेनमार्क के बीच राजनयिक संबंध 1949 में स्थापित हुए थे। दोनों देशों के रिश्ते साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और शांति व स्थिरता की चाह पर आधारित हैं। सितंबर 2020 में हुए वर्चुअल समिट के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को ‘ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप’ के स्तर तक ऊंचा किया गया था। तब से यह साझेदारी भारत-डेनमार्क संबंधों की दिशा तय कर रही है और मौजूदा बातचीत उसी कड़ी को आगे बढ़ाने का प्रतीक है। यह बातचीत भारत-डेनमार्क संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते वैश्विक मंच पर सहयोग और समझौते को बढ़ावा देंगे। यह ब्लॉग पोस्ट भारत-डेनमार्क संबंधों के महत्व पर प्रकाश डालता है और भविष्य में दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों की आशा करता है। भारत और डेनमार्क मिलकर दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने में योगदान दे सकते हैं। आओ, मिलकर काम करें!