अफगानिस्तान पाकिस्तान युद्ध: हवाई हमले में क्रिकेटरों की मौत, T-20 सीरीज रद्द
ताज़ा खबरों के अनुसार, पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक में अफगानिस्तान के 3 क्रिकेट खिलाड़ियों की दुखद मौत हो गई है। इस घटना के बाद, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ आगामी T-20 सीरीज में भाग लेने से इनकार कर दिया है। यह क्रिकेट सीरीज नवंबर में आयोजित होने वाली थी, लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है। पाकिस्तान का यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब कतर में दोनों देशों के बीच शांति वार्ता चल रही थी। शुक्रवार रात, पाकिस्तान की सेना ने अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी पक्तिका प्रांत के अरगुन और बारमाल जिलों में हवाई हमले किए, जिससे भारी तबाही हुई। इस घटना ने दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और भी अधिक जटिल बना दिया है। अफगानिस्तान ने इस हवाई हमले को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। यह घटना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भी चिंता का विषय बन गई है, और कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है।
मैच खेलकर लौट रहे थे खिलाड़ी
इस दुर्भाग्यपूर्ण हमले में 8 क्लब लेवल पर क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों की जान चली गई, जबकि 4 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। ये खिलाड़ी पक्तिका के शराना में एक मैच समाप्त करके अरगुन लौट रहे थे, तभी वे पाकिस्तान के हवाई हमले का शिकार हो गए। यह हमला उस वक़्त हुआ, जब कतर की मध्यस्थता में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष विराम और शांति वार्ता की प्रक्रिया चल रही थी। एक तरफ पाकिस्तान ने युद्धविराम का ऐलान किया, वहीं दूसरी ओर अफगानिस्तान पर हवाई हमला कर दिया। खेल जगत और अफगान समुदाय में इस घटना को लेकर गहरा शोक है। यह घटना खेल को राजनीति से दूर रखने के महत्व को भी उजागर करती है।
क्रिकेट बोर्ड ने कैंसिल की सीरीज
पाकिस्तानी सेना के हमले के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) का आधिकारिक बयान आया, जिसमें हवाई हमले में अफगान क्रिकेटरों की मौत होने की पुष्टि की गई। इसके साथ ही, बोर्ड ने अगले महीने नवंबर में होने वाली पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ 3 देशों की T-20 क्रिकेट सीरीज से अपना नाम वापस लेने की औपचारिक घोषणा भी कर दी है। बोर्ड ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अफगान नागरिकों की शहादत के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में पाकिस्तान के साथ मिलकर खेलना नैतिक रूप से असंभव है। इस निर्णय ने खेल प्रेमियों और क्रिकेट प्रशंसकों को निराश किया है, लेकिन यह अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा अपने देश के नागरिकों के प्रति एकजुटता और सम्मान का प्रतीक है। इस निर्णय का अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में मिलाजुला रुख देखने को मिल रहा है।
इस वजह से शुरू हुई दोनों की लड़ाई
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों को शरण देने का आरोप लगाया है, जिन्होंने साल 2021 से अब तक 500 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या की है। दूसरी ओर, अफगानिस्तान ने इस विवाद को पाकिस्तान का आंतरिक मामला बताया है और पाकिस्तान पर ISIS-K के आतंकियों को शरण देने का आरोप लगाया है, जिन्होंने भारत में आतंकी हमले करने की साजिश रची थी। इसी वजह से 9 और 10 अक्टूबर की सुबह पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका प्रांतों में हवाई हमला करके तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के चीफ नूर वली मेहसूद को ढेर करने का दावा किया। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच ये आरोप-प्रत्यारोप लंबे समय से चले आ रहे हैं, और इससे दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया है। इस स्थिति को हल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता की आवश्यकता है।
अफगानिस्तान की जवाबी कार्रवाई
वहीं, अफगानिस्तान ने इस हमले को संप्रभुता का उल्लंघन बताया और दावा किया कि पाकिस्तान के हमले में 12 अफगान नागरिकों और क्रिकेटरों की मौत हुई है। जवाबी कार्रवाई करते हुए 11 अक्टूबर की रात को अफगान सेना और तालिबान लड़ाकों ने कुनार, नंगरहर, हेलमंद और पक्तिया प्रांतों में पाकिस्तान की सैन्य चौकियों पर हमला करके 58 पाकिस्तानियों को मार डाला, जबकि हमले में 30 घायल भी हुए। इसके साथ ही, तालिबानी लड़ाकों ने 25 पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा भी कर लिया। इसके बाद 12 और 13 अक्टूबर को भी दोनों देशों के बीच खूनी झड़पें हुईं। पाकिस्तान ने 200 अफगान लड़ाकों को ढेर करने का दावा किया। दोनों देशों के बीच बढ़ती हिंसा ने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की जान खतरे में डाल दी है, और मानवीय संकट की स्थिति पैदा हो गई है।
कतर ने की मध्यस्थता की पेशकश
हालात खराब होते देखकर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से सटे बॉर्डर टोरखम और चमन को बंद कर दिया। चीन, रूस, भारत, अमेरिका जैसे देशों ने इस पर चिंता जताई। सऊदी अरब और कतर ने मध्यस्थता करके शांति समझौता कराने की अपील की। 14 और 15 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच 48 घंटे का सीजफायर हुआ, लेकिन फिर भी दोनों देशों में कई जगहों पर झड़पें हुईं और सीजफायर के उल्लंघन के आरोप लगे। पाकिस्तान ने कंधार के स्पिन बोलदक में ड्रोन से हमला किया, जिसमें 12 अफगानी मारे गए। जवाबी कार्रवाई करते हुए अफगानिस्तान ने पेशावर रोड पर ड्रोन से हमला किया। 17 अक्टूबर को पाकिस्तान ने पक्तिका प्रांत के अर्गुन और बारमाल जिलों में फिर हवाई हमला किया, जिसके जवाब में अफगानिस्तान ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान की किसी भी कार्रवाई को बिना जवाब दिए छोड़ा नहीं जाएगा। यह स्थिति अत्यंत नाजुक है और दोनों देशों को शांति और स्थिरता के लिए बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और दोनों देशों को शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद करनी चाहिए।
