Fake Calls से छुटकारा: CNAP सर्विस के साथ फर्जी कॉल पर लगेगी लगाम!
आजकल फर्जी कॉल्स और ऑनलाइन फ्रॉड एक बड़ी समस्या बन गई है। आए दिन बैंक फ्रॉड, लोन स्कैम और OTP स्कैम के जरिए लोगों को ठगा जा रहा है। लेकिन अब आपके लिए एक खुशखबरी है! भारत सरकार CNAP (Caller Name Presentation) सर्विस लाने की तैयारी कर रही है, जिससे फर्जी कॉल्स से छुटकारा मिलेगा और आपकी सुरक्षा बढ़ेगी।
क्या है CNAP सर्विस?
CNAP सर्विस दूरसंचार विभाग (DoT) और ट्राई (TRAI) की एक पहल है। यह सर्विस इनकमिंग कॉल पर कॉलर का असली नाम प्रदर्शित करेगी। इसका मतलब है कि जब भी आपके पास कॉल आएगी, तो आपको उस व्यक्ति का नाम दिखाई देगा जो सिम कार्ड पर रजिस्टर्ड है। यह Truecaller जैसी थर्ड-पार्टी ऐप्स से अलग होगा, क्योंकि इसमें सिर्फ असली नाम ही दिखाई देगा, जिससे फर्जी कॉल्स और स्कैम कॉल्स को पहचानना बहुत आसान हो जाएगा।
कैसे काम करेगा CNAP और क्या हैं इसके फायदे?
CNAP सर्विस के लागू होने से आपको तुरंत पता चल जाएगा कि कॉल असली है या नहीं। इससे आपको फर्जी कॉल्स से छुटकारा मिलेगा और आप ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होने से बच जाएंगे।
- पहचान में आसानी: फर्जी कॉल्स को पहचानना आसान होगा, जिससे आप बैंक फ्रॉड और लोन स्कैम से बच सकते हैं।
- सुरक्षा: आपकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहेगी और ऑनलाइन फ्रॉड के मामले कम होंगे।
- धोखाधड़ी पर रोक: CNAP से वित्तीय धोखाधड़ी पर भी रोक लगेगी, क्योंकि स्कैमर्स की पहचान करना आसान हो जाएगा।
- त्वरित कार्रवाई: असली नाम सामने आने से पुलिस और अन्य एजेंसियों के लिए धोखाधड़ी के मामलों में त्वरित कार्रवाई करना संभव होगा।
कंपनियों का ट्रायल और चुनौतियां
Airtel, Jio, Vi और BSNL जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियां CNAP का ट्रायल कर रही हैं। इंटर और इंट्रा-सर्किल कॉल्स पर यूजर्स की स्क्रीन पर कॉलर का नाम दिखाई दे रहा है। हालांकि, कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
- नियमों की कमी: कई बार कंपनियां सैकड़ों सिम अपने नाम पर खरीदती हैं। ऐसे में सवाल यह है कि कॉल आने पर स्क्रीन पर कंपनी का नाम दिखेगा या उस कर्मचारी का, जो कॉल कर रहा है। इस पर स्पष्ट नियम बनाने की जरूरत है।
- फैमिली प्लान्स: फैमिली पोस्टपेड कनेक्शन्स में एक ही आईडी पर कई सिम जारी होते हैं। अब सवाल उठता है कि कॉल करने वाले सदस्य का नाम दिखेगा या रजिस्टर्ड आईडी होल्डर का। इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए पॉलिसी तय करनी होगी।
- 2G नेटवर्क की चुनौती: DoT इस सर्विस को सभी नेटवर्क्स पर लागू करना चाहता है, लेकिन 2G नेटवर्क पर इसे लागू करना तकनीकी रूप से मुश्किल है।
TRAI की सिफारिशें
TRAI ने सुझाव दिया है कि कॉलर का नाम कंज्यूमर एप्लिकेशन फॉर्म (CAF) के आधार पर दिखाया जाए। इससे यूजर्स को तुरंत पहचानने में मदद मिलेगी कि कॉल असली है या धोखाधड़ी वाला।
CNAP सर्विस फर्जी कॉल्स से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह यूजर्स को ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम कॉल्स से बचाने में मदद करेगा। केंद्रीय संचार राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्र शेखर ने संसद में बताया कि टेलीकॉम कंपनियों के ट्रायल और असेसमेंट के बाद CNAP को लागू करने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। तो तैयार हो जाइए, क्योंकि CNAP सर्विस आपके मोबाइल की सुरक्षा को एक नया स्तर देगी! मोबाइल सुरक्षा को लेकर अधिक जानकारी के लिए बने रहें! टेलीकॉम सुरक्षा से जुड़े अपडेट के लिए नियमित रूप से हमारे ब्लॉग को फॉलो करें!