बिहार चुनाव 2025, कसबा विधानसभा सीट: कसबा में कांग्रेस को 9 बार मिली जीत, इस बार कौन सी पार्टी देगी टक्कर? – Nepal Updates | Stock Exchange

बिहार चुनाव 2025: कसबा विधानसभा सीट – एक विश्लेषण

बिहार में नवंबर के पहले हफ्ते में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, और इसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जोरों से तैयारी कर रही हैं। आज हम बात करेंगे बिहार के पूर्वोत्तर भाग में स्थित कसबा विधानसभा क्षेत्र की। यह क्षेत्र पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इस लोकसभा क्षेत्र के 6 विधानसभा क्षेत्रों में से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। 2020 विधानसभा चुनाव में, इस सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। इस लेख में, हम इस सीट के वोटर्स की संख्या, अब तक किन-किन पार्टियों को यहां से जीत मिली है, और पिछले चुनावों के परिणामों पर विस्तृत जानकारी देंगे। बिहार चुनाव 2025 के लिए यह जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है।

2020 विधानसभा चुनाव के नतीजे

विजयी उम्मीदवार

मोहम्मद अफाक आलम
पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
77,410 वोट मिले
वोट लीड: 17,278
वोट शेयर: 41.12 फीसदी

रनर अप उम्मीदवार

प्रदीप कुमार दास
पार्टी: लोक जन शक्ति पार्टी
60,132 वोट मिले
वोट शेयर: 31.94 फीसदी

तीसरे नंबर के उम्मीदवार

राजेंद्र यादव
पार्टी: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) (HAMS)
23,716 वोट मिले
वोट शेयर: 12.60 फीसदी

कौन सी पार्टी को मिली बढ़त?

कसबा क्षेत्र में अब तक 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इन चुनावों में सबसे ज्यादा बार सफलता कांग्रेस पार्टी को मिली है। कांग्रेस ने पहले छह चुनावों (1967 से 1977) में लगातार जीत हासिल की, और कुल मिलाकर नौ बार चुनाव जीते हैं। पिछले कुछ सालों में कांग्रेस ने इस सीट पर अपनी पकड़ फिर से मजबूत की है, और 2010, 2015, और 2020 में लगातार जीत हासिल की है। बिहार की राजनीति में कसबा सीट का अपना महत्व है।

कसबा में कितने रजिस्टर्ड वोटर्स?

कसबा के रजिस्टर्ड वोटर्स की बात करें तो 2020 विधानसभा चुनाव में यहां 2,83,417 वोटर्स दर्ज किए गए थे। इन वोटर्स में मुस्लिम वोटर्स की संख्या 1,13,933 (40.20 फीसदी) थी। 2024 में यह संख्या बढ़कर 2,93,314 तक पहुंच गई है। वोट शेयर के लिहाज से मुस्लिम वोटर्स का इस सीट पर काफी प्रभाव है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस सीट पर कोई नया समीकरण बनता है या नहीं। राजनीतिक विश्लेषक इस सीट पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। कसबा चुनाव को लेकर सभी दलों की अपनी रणनीति है।

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