भारत-पाकिस्तान संबंध: क्या तीसरे पक्ष की मध्यस्थता अब भी संभव है? [India-Pakistan Relations]
नमस्कार दोस्तों,
आज हम बात करेंगे भारत और पाकिस्तान के बीच के जटिल संबंधों के बारे में। हाल ही में, पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है जिसने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने स्वीकार किया है कि भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को सख्ती से ठुकरा दिया है।
[Kashmir issue], [Terrorism], और [Bilateral talks] जैसे मुद्दों पर दोनों देशों के बीच अक्सर तनाव रहता है। ऐसे में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय अक्सर [mediation] या [third-party intervention] की बात करता है। हालांकि, भारत हमेशा से यह स्पष्ट करता रहा है कि वह [India-Pakistan talks] में किसी भी तीसरे देश को शामिल नहीं करना चाहता। यह [Indian foreign policy] का एक अहम हिस्सा रहा है।
इशाक डार ने अल जज़ीरा को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने [US mediation] के बारे में भी सुना था, लेकिन भारत का रुख बिल्कुल साफ था: [no third-party involvement]. उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि यह मसला केवल दोनों देशों के बीच का है और इसमें किसी और की भूमिका नहीं होनी चाहिए। डार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन भारत का रुख बेहद सख्त है।
[Dialogue] के लिए पाकिस्तान हमेशा तैयार रहता है, लेकिन इशाक डार ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान बातचीत के लिए ‘भीख’ नहीं मांगेगा। उनका मानना है कि बातचीत ही आगे बढ़ने का रास्ता है, लेकिन जब तक भारत खुद इच्छुक नहीं होगा, तब तक संवाद संभव नहीं है। [Peace talks] की संभावना [India-Pakistan peace] के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब [Donald Trump] जैसे अमेरिकी नेताओं ने [US mediation] का दावा किया था। हालांकि, भारत ने इन दावों को खारिज कर दिया था। [Prime Minister Narendra Modi] ने [Trump] से बातचीत में स्पष्ट कर दिया था कि संघर्ष विराम का फैसला दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधे संवाद से हुआ था।
भारत का [strict stance] आतंकवाद पर आधारित है। भारत ने बार-बार कहा है कि [Pakistan] से बातचीत तभी संभव होगी जब वह [terrorism] को समर्थन देना बंद करेगा। [India’s stand on Pakistan] हमेशा से स्पष्ट रहा है कि ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।’ [Terrorism from Pakistan] एक बड़ी चिंता है। [Cross-border terrorism] को रोकने के लिए भारत लगातार प्रयास कर रहा है। [Jammu and Kashmir] में आतंकवाद को खत्म करना [India’s primary goal] है।
[Direct talks] की संभावना केवल [Pakistan Occupied Kashmir (POK)] और आतंकवाद जैसे मुद्दों तक सीमित हो सकती है। [Kashmir issue] का समाधान [bilateral approach] के माध्यम से ही हो सकता है।
[India-Pakistan relationship] एक जटिल मुद्दा है। [Future of India-Pakistan relations] इस बात पर निर्भर करता है कि पाकिस्तान आतंकवाद पर कितना नियंत्रण करता है और भारत के साथ बातचीत के लिए कितना तैयार होता है। [International relations] में [diplomacy] और [negotiation] महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। [Strategic relations] को बेहतर बनाने के लिए दोनों देशों को प्रयास करना होगा।