रिकॉर्डतोड़ निपटारा, 739 करोड़ के मामलों का समाधान!

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत 2025: लाखों मामलों का निपटारा, करोड़ों की समझौता राशि!

नमस्ते दोस्तों! आज हम बात करेंगे छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत की, जिसने न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह एक ऐसी पहल है जो कानूनी मामलों को सुलझाने और न्याय प्रणाली को सुगम बनाने में मदद करती है।

शनिवार को आयोजित इस लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मामलों को निपटाया गया। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सीजी एसएलएसए) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 50 लाख से अधिक मामलों को लिया गया, जिनमें से 47 लाख से ज्यादा मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, जो दर्शाती है कि लोक अदालत लोगों के लिए न्याय प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम बन रही है।

इस लोक अदालत के माध्यम से 739.48 करोड़ रुपये की विशाल राशि का निपटारा किया गया। यह राशि उन विवादों से संबंधित है जिन्हें समझौते के माध्यम से सुलझाया गया। यह दर्शाता है कि लोक अदालत न केवल कानूनी मामलों को सुलझाने में मदद करती है, बल्कि आर्थिक विवादों को भी कम करती है।

यह आयोजन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, श्री रमेश सिन्हा के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जो सीजी एसएलएसए के संरक्षक-प्रधान भी हैं। इस पूरे आयोजन की देखरेख कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने की। उनके नेतृत्व में, लोक अदालत ने एक अभूतपूर्व सफलता हासिल की।

जिलेवार प्रदर्शन

विभिन्न जिलों में लोक अदालत का प्रदर्शन प्रभावशाली रहा।

  • रायपुर: रायपुर में सबसे अधिक समझौता राशि दर्ज की गई, जो 103.73 करोड़ रुपये थी। यहां 9,37,305 मामलों का निपटारा हुआ। रायपुर में लोक अदालत ने कानूनी मामलों को सुलझाने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
  • बिलासपुर: बिलासपुर में 95.03 करोड़ रुपये की समझौता राशि के साथ 10,13,358 मामलों का निपटारा हुआ। बिलासपुर की लोक अदालत ने भी सकारात्मक परिणाम दिए।
  • दुर्ग: दुर्ग में 79.03 करोड़ रुपये की समझौता राशि के साथ 6,48,572 मामलों का निपटारा हुआ। दुर्ग में लोक अदालत की सफलता न्याय तक पहुंच को बढ़ावा देती है।
  • रायगढ़: रायगढ़ में 93.02 करोड़ रुपये की समझौता राशि के साथ 6,81,568 मामलों का निपटारा हुआ।
  • सरगुजा: सरगुजा में 44.05 करोड़ रुपये की समझौता राशि के साथ 2,32,592 मामलों का निपटारा हुआ।
  • राजनांदगांव: राजनांदगांव में 26.01 करोड़ रुपये की समझौता राशि के साथ 2,71,474 मामलों का निपटारा हुआ।
  • महासमुंद: महासमुंद में 14.94 करोड़ रुपये की समझौता राशि के साथ 62,218 मामलों का निपटारा हुआ।
  • कोरबा: कोरबा में 13.49 करोड़ रुपये की समझौता राशि के साथ 2,98,894 मामलों का निपटारा हुआ।
  • धमतरी: धमतरी में 9.76 करोड़ रुपये की समझौता राशि के साथ 1,00,394 मामलों का निपटारा हुआ।
  • सूरजपुर: सूरजपुर में 8.48 करोड़ रुपये की समझौता राशि के साथ 65,837 मामलों का निपटारा हुआ।

अन्य जिलों जैसे बस्तर, बालोद, बलरामपुर-रामानुजगंज, दंतेवाड़ा, कांकेर, कबीरधाम और कोरिया ने भी हजारों मामलों का समाधान कराया।

लोक अदालत एक ऐतिहासिक पहल है, जो लंबित मामलों और प्री-लिटिगेशन मामलों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसने बड़ी संख्या में लोगों को न्याय सुलभ कराया है और आर्थिक विवादों का समाधान आपसी समझौते के माध्यम से संभव बनाया है।

लोक अदालत न्याय प्रदान करने का एक तेज और प्रभावी तरीका है। यह समय और धन दोनों की बचत करता है। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता न्यायपालिका और नागरिकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह कानूनी प्रक्रिया को सुगम बनाने और न्याय तक पहुंच को आसान बनाने में मदद करता है।

इस लेख में हमने छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी दी, उम्मीद है कि यह आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके कोई प्रश्न हैं, तो कृपया हमें बताएं। हम आपकी सहायता करने के लिए तैयार हैं।

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