बेंगलुरु में AI डीपफेक स्कैम: ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड का नया खतरा! 
नमस्कार दोस्तों! आज हम एक ऐसे ऑनलाइन स्कैम के बारे में बात करेंगे जिसने बेंगलुरु शहर में तहलका मचा दिया है। AI और डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अब सिर्फ मनोरंजन या फेक न्यूज़ फैलाने के लिए ही नहीं हो रहा है, बल्कि वित्तीय धोखाधड़ी के लिए भी इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है।
यह कहानी है 57 वर्षीय वर्षा गुप्ता की, जो डीपफेक का शिकार हुईं। उन्हें सद्गुरु का AI-जेनरेटेड डीपफेक वीडियो दिखाकर एक फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश करने के लिए बहकाया गया, और इस चक्कर में उन्होंने करीब 3.75 करोड़ रुपये गंवा दिए!
सद्गुरु के डीपफेक वीडियो का जाल
वर्षा जी को सोशल मीडिया पर एक वीडियो मिला जिसमें आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव, जिन्हें हम सद्गुरु के नाम से जानते हैं, कथित तौर पर एक ऑनलाइन ट्रेडिंग फर्म में निवेश करने की सलाह दे रहे थे। वीडियो में दावा किया गया था कि इस फर्म में निवेश करके फाइनेंशियल फ्रीडम हासिल की जा सकती है। वीडियो के साथ एक लिंक भी दिया गया था, जिसमें नाम, ईमेल और फोन नंबर डालकर निवेश शुरू करने की बात कही गई थी।
यह ऑनलाइन फ्रॉड का एक क्लासिक उदाहरण है, जहाँ स्कैमर्स लोगों को लालच देकर फंसाते हैं। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर, वे लोगों से पैसे ऐंठते हैं।
ऐप डाउनलोड और पैसे का लेनदेन
जैसे ही वर्षा जी ने अपनी जानकारी दर्ज की, उन्हें ‘मिरॉक्स ऐप’ नामक एक एप्लिकेशन डाउनलोड करने को कहा गया। इसके बाद, उन्हें अलग-अलग यूके-आधारित नंबरों और ईमेल आईडी से कॉल और ईमेल आने लगे। ठगों ने उन्हें निवेश की प्रक्रिया समझाई और लगातार अधिक पैसे जमा करने के लिए उकसाया।
फरवरी 25 से लेकर अप्रैल 23 तक, वर्षा जी ने अलग-अलग किश्तों में करीब 3,75,72,121 रुपये इस एप्लिकेशन पर जमा कर दिए। यह ऑनलाइन फ्रॉड का एक और पहलू है जहाँ धोखाधड़ी करने वाले लोगों को धीरे-धीरे, कई बार निवेश करने के लिए मनाते हैं।
मुनाफे का झांसा और निकासी में अड़चनें
महिला के खाते में ट्रेडिंग ऐप पर मुनाफे की रकम दिखाई जाती रही, जिससे उन्हें भरोसा होता गया। लेकिन जब उन्होंने पैसा निकालने की कोशिश की, तो हर बार किसी न किसी कारण से अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया। इस ठगी के बाद वर्षा जी को शक हुआ और उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।
पुलिस की जांच जारी
शिकायत मिलने के बाद 9 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई। मामला सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) के तहत दर्ज हुआ है। पुलिस का कहना है कि ठगी का यह पूरा नेटवर्क विदेश से संचालित हो सकता है और जांच साइबर अपराध शाखा के सहयोग से की जा रही है। यह दिखाता है कि साइबर क्राइम कितना गंभीर होता जा रहा है।
कैसे रहें सुरक्षित: फ्रॉड से बचाव के उपाय
- डीपफेक वीडियो से सावधान रहें। किसी भी अपरिचित स्रोत से मिली जानकारी पर तुरंत विश्वास न करें।
- ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश करने से पहले विश्वसनीयता की जांच करें।
- लालच से बचें। तेजी से अमीर बनने का वादा करने वाले योजनाओं से दूर रहें।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें।
- संदिग्ध गतिविधि दिखाई देने पर तुरंत पुलिस या साइबर अपराध शाखा को सूचित करें।
यह घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है। डिजिटल दुनिया में, हमें सतर्क रहने और धोखाधड़ी से बचने के लिए जानकारी और सावधानी की आवश्यकता है। ऑनलाइन फ्रॉड से बचें, जागरूक रहें, और अपने पैसे को सुरक्षित रखें! Cyber security ही बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। How to avoid online scams सीखने की आवश्यकता है।