गाजा पर इजरायली सेना का बड़ा हवाई हमला, 40 से ज्यादा लोग मलबे में दबे
इजरायली सेना ने गुरुवार रात को गाजा शहर में बड़ा हवाई हमला किया। यह हमला उस समय किया गया है जब इजरायल की कैबिनेट गाजा युद्ध को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा योजना पर मतदान के लिए इक्ट्ठा हुई थी। अमेरिकी मीडिया आउटलेट CNN ने हमास से संचालित सुरक्षा एजेंसी के हवाले से बताया कि गाजा सिटी के सबरा इलाके में हुए हमले के कारण एक इमारत ढह गई। इसके मलबे में लगभग 40 लोग दब गए जिनमें से 10 को बचा लिया गया है। इजरायल की सेना ने हमले की पुष्टि की है। यह हमला गाजा पट्टी के सबरा इलाके में हुआ है।
गाजा के नागरिक सुरक्षा विभाग ने कहा कि इजरायल के सैन्य हमले में उत्तरी गाजा के अल-सबरा इलाके में 40 से ज़्यादा फिलिस्तीनी मलबे में दब गए, जिनमें से 10 को बचा लिया गया। हालांकि, इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि यह हमला उत्तरी गाजा में एक “हमास आतंकवादी समूह” पर किया गया था, जो “तत्काल खतरा” पैदा कर रहे थे। इस घटना से गाजा संकट और गहरा गया है, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से शांति स्थापित करने की मांग बढ़ रही है।
नागरिक सुरक्षा विभाग के एक वीडियो में आपातकालीन दल पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मलबे से निकालने की कोशिश करते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक क्लिप में, एक बचावकर्मी एक छोटे बच्चे को ढहे हुए घर से धीरे से उठा रहा है। बच्चे का शरीर धूल और खून से सनी खरोंचों की मोटी परत से ढका हुआ है। इस मानवीय त्रासदी ने गाजा में रहने वाले लोगों की दयनीय स्थिति को उजागर किया है। इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के कारण वहां के नागरिकों का जीवन खतरे में है। गाजा के निवासी लगातार डर के माहौल में जी रहे हैं और उन्हें मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार देर रात को घोषणा की थी कि इजरायल और हमास समझौते के पहले चरण के लिए सहमत हो गए हैं। हस्ताक्षरित समझौते में कहा गया है कि इजरायली सरकार की मंजूरी मिलते ही युद्ध तुरंत समाप्त हो जाएगा। ट्रंप ने यह भी कहा था कि यह समझौता बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करेगा और एक से दो दिन में सभी बंधकों के आजाद होने की उम्मीद जताई। इस बीच, गाजा में हमले जारी हैं, जिससे शांति समझौते की संभावनाएं खतरे में पड़ गई हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से युद्धविराम और मानवीय सहायता पहुंचाने की अपील की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन स्थिति को सामान्य करने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के कारण शांति प्रक्रिया बाधित हो रही है।
