कौन बनेगा करोड़पति जूनियर में बच्चे का व्यवहार देख अमिताभ बच्चन भी रह गए दंग, जानिए कैसे सुधारें बच्चे की बुरी आदतें
पैरेंटिंग (Parenting): माता-पिता की हमेशा यह कोशिश रहती है कि उनके बच्चों की लोग तारीफ करें और कहें कि यह परिवार के संस्कार (Sanskar) ही हैं जो बच्चे को एक अच्छा इंसान बना रहे हैं। लेकिन कई बार स्थिति बिल्कुल उलट हो जाती है। बच्चा दूसरों के सामने इस तरह व्यवहार करने लगता है कि लोग उसे बदतमीज कहने लगते हैं और माता-पिता की परवरिश (Parenting tips) को दोष देते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ कौन बनेगा करोड़पति 17 जूनियर (KBC 17 Junior) शो में जब हॉट सीट पर बैठे बच्चे के व्यवहार ने अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) तक को चौंका दिया। सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें 10 साल के इशित को ओवरकॉन्फिडेंट (Overconfident) होते हुए देखा जा सकता है। वह न सिर्फ सामने बैठे बिग बी की बातें काट रहा था बल्कि लगभग चीखते हुए अपनी बात कह रहा था। सोशल मीडिया यूजर्स ने बच्चे के व्यवहार को लेकर नाराजगी जताई और पैरेंटिंग स्टाइल (Parenting style) पर भी सवाल उठा दिए। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी आपकी बात बिल्कुल नहीं सुनता है या फिर दूसरों से गलत व्यवहार करता है तो यहां जानिए किस तरह आप उसकी इस बुरी आदत को सुधार सकते हैं।
कैसे सुधारें बच्चे का बुरा व्यवहार
बच्चे को गुड और बैड मैनर्स के बारे में बताएं
बच्चे को बताएं कि अच्छे और बुरे व्यवहार (Bad Manners) में क्या फर्क होता है। गुड मैनर्स (Good manners) और बैड मैनर्स के बारे में बताने पर ही उसे यह समझ आने लगेगा कि उसका व्यवहार सही है या नहीं।
रुककर सोचने के लिए कहें
यह आदत तो बड़ों की भी होती है कि वे अक्सर कुछ भी बोलने से पहले सोचते नहीं हैं और बाद में पछताने लगते हैं। इसीलिए कम उम्र से ही बच्चे को यह समझाना जरूरी है कि जब वह कुछ बोलने जाता है तो एक बार रुककर सोच ले और फिर कहे। बिना सोचे-समझे कही गई बातें सामने वाले व्यक्ति को बुरी भी लग सकती हैं। यह एक महत्वपूर्ण पैरेंटिंग टिप (Parenting tip) है।
बच्चे को बताएं परिणाम
बच्चे को यह समझाना जरूरी है कि उसके बुरे व्यवहार का परिणाम क्या होगा। उसे बताएं कि उसके ही जान पहचान के लोग उससे बात करना बंद कर देंगे या फिर दूसरे बच्चे उसके साथ खेलेंगे नहीं। यह बाल मनोविज्ञान (Child psychology) का एक अहम हिस्सा है।
सोशल स्किल्स पर करें काम
बच्चे की सोशल स्किल्स (Social Skills) पर काम किया जाना जरूरी है। बच्चे को बताएं कि किसी से बात करने का सही तरीका क्या है। इससे बच्चे को अंदाजा लगेगा कि उसे कहां पर क्या बोलना चाहिए और कहां पर क्या नहीं कहना चाहिए। बच्चों को सिखाएं (Teach children) कि कैसे सामाजिक रूप से घुलमिलना है।
