डीआरडीओ गौरव बम: भारत की सुरक्षा में एक और मील का पत्थर
दुनिया पहले ही दो विश्व युद्ध देख चुकी है और इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि तीसरा विश्व युद्ध कभी भी छिड़ सकता है। दुनिया के कई देश पहले ही युद्ध की आग में जल रहे हैं, यूक्रेन और रूस के बीच 3 साल से भी अधिक समय से लड़ाई जारी है, इस बीच इजरायल और फिलिस्तीन के बीच भी चल रहा संघर्ष खत्म नहीं हुआ है। वहीं, जून में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए कॉन्फ्लिक्ट की वजह से दुनिया और परेशान हो गई। हालांकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने हमेशा की तरह पाकिस्तान को अच्छा सबक सिखाया जिसकी वजह से उसे पीछे हटना पड़ा।
पाकिस्तान की हालत हुई पतली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) का करारा जवाब
ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सैन्य ताकत और तकनीक देख पाकिस्तान के पसीने छूट गए थे, लेकिन अब डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने ऐसा बम तैयार किया है, जिसे देश दुश्मन देशों के हाथ-पैर कांपने लगे हैं। पड़ोसी देशों में मची उथल-पुथल और पाकिस्तान के तेवर देखते हुए भारत लगातार अपनी सुरक्षा और सैन्य तकनीक को आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। भारत के गर्व डीआरडीओ ने 1000 किलो वजनी एक ऐसा बम बनाया है, जिसकी ताकत पाकिस्तान को पता चली तो उसके होश उड़ जाएंगे। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
डीआरडीओ ने बनाया डेंजर बम गौरव: भारतीय वायुसेना की बढ़ी ताकत
एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए डीआरडीओ ने दुनिया के अब तक के खतरनाक बमों से एक बम तैयार किया है, जिसका नाम ‘गौरव’ रखा गया है। भारतीय वायुसेना के Su-30MKI फाइटर जेट से ‘गौरव’ का सफल परीक्षण किया। ये एक एयर-लॉन्च्ड लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम है, जो दूर से ही अपने टारगेट पर सटीक हमला कर सकता है। लॉन्च किए जाने के बाद ‘गौरव’ विमान को जोखिम में डाले बिना दुश्मन पर दूर से प्रहार कर सकता है। इसे टार्गेट पर सेट करने के लिए दुश्मन के ज्यादा करीब नहीं जाना पड़ता। यह रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती शक्ति का प्रमाण है। ‘गौरव’ बम, भारतीय सेना के लिए एक शक्तिशाली हथियार साबित होगा।
अलग दुश्मन के लिए अलग बम: ‘गौरव’ के दो शक्तिशाली वेरिएंट
इतना ही नहीं गौरव बम दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को भी चुनौती देने में काबिल है। ये दुश्मन के बंकर, किलेबंद ठिकाने और पहाड़ी ठिकानों को टार्गेट करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस खतरनाक हथियार के 2 वेरिएंट तैयार किए गए हैं। पहला Gaurav-PCB, जो बंकर और किलेबंद ठिकानों को भेदने में कारगर है। वहीं, दूसरा Gaurav-PF है, जिसे दुश्मन के खुले इलाकों, सैन्य ठिकानों और एक साथ कई हिस्सों को नुकसान पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मेक इन इंडिया पहल को भी बढ़ावा देता है और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम है।
