उत्तराखंड में 2025 में भारी बारिश का कहर: उत्तराखंड आपदा की पूरी जानकारी
नमस्कार दोस्तों! आज हम उत्तराखंड में बारिश से हुई तबाही की लेटेस्ट न्यूज़ पर बात करेंगे। 2025 के मानसून ने देवभूमि में भयंकर तबाही मचाई है, जिसने उत्तराखंड के लोगों को हिलाकर रख दिया है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम उत्तराखंड बाढ़ और उत्तराखंड लैंडस्लाइड से हुए नुकसान, उत्तराखंड मौसम के हालात, उत्तराखंड में बारिश का कहर, उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के प्रयासों और इस प्राकृतिक आपदा के प्रभावों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
1 जून से 10 सितंबर 2025 तक हुई भारी बारिश
उत्तराखंड मौसम विभाग के अनुसार, 1 जून से 10 सितंबर 2025 तक उत्तराखंड में बारिश ने पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस दौरान सामान्य से 22% अधिक वर्षा दर्ज की गई। इस भारी बारिश का नतीजा भयावह रहा, जिससे उत्तराखंड में त्रासदी हुई, जिसमें 85 लोगों की जान चली गई, 94 लोग लापता हो गए और 3,500 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए। यह उत्तराखंड आपदा न केवल मानवीय नुकसान का प्रतीक है, बल्कि उत्तराखंड में पर्यावरण और बुनियादी ढांचे पर भी गहरा प्रभाव डालेगी।
भारी बारिश का रिकॉर्ड
इस मानसून सीजन में, उत्तराखंड में कुल 1,300.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य 1,060.7 मिलीमीटर से 22% अधिक है। Uttarakhand News में यह भी बताया गया है कि अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में बाढ़ और बारिश का कहर सबसे अधिक था।
उत्तराखंड के जिलों में बारिश का कहर
उत्तराखंड के 13 जिलों में भारी बारिश हुई। बागेश्वर में 239%, चमोली में 93%, टिहरी गढ़वाल में 51%, हरिद्वार में 48%, अल्मोड़ा में 31%, देहरादून में 28%, उधम सिंह नगर में 25% और उत्तरकाशी में 18% अधिक बारिश दर्ज की गई। कुछ जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई, जैसे पौड़ी में -28%, चंपावत में -3%, रुद्रप्रयाग में -5%, पिथौरागढ़ में -4% और नैनीताल में -6%। इस बारिश ने उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी।
जान-माल का भारी नुकसान
उत्तराखंड आपदा ने लोगों की जिंदगी पर गहरा असर डाला है। 1 अप्रैल 2025 से अब तक, मानसून से संबंधित घटनाओं में 85 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें चार की मृत्यु वन्यजीव संघर्ष के कारण हुई। इसके अलावा, 128 लोग घायल हुए, जिनमें 48 घायल वन्यजीव हमलों से प्रभावित हैं। 94 लोग अभी भी लापता हैं, जिनमें 67 लोग धराली आपदा में लापता हुए। इस आपदा में मवेशियों को भी भारी नुकसान हुआ, जिसमें 167 बड़े जानवर और 6,744 छोटे जानवर मारे गए।
संपत्ति का भारी विनाश
उत्तराखंड में लैंडस्लाइड और बाढ़ ने लोगों की संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। 3,726 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए, 195 घर बुरी तरह टूटे और 274 घर पूरी तरह नष्ट हो गए। इसके अलावा, 75 गौशालाएं भी पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं। उत्तराखंड में बुनियादी ढांचा भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे उत्तराखंड में बचाव कार्य में कठिनाई आ रही है।
राहत और बचाव कार्य
उत्तराखंड सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन बारिश और भूस्खलन ने कई क्षेत्रों में पहुंच को मुश्किल बना दिया है। उत्तराखंड सरकार आपदा पीड़ितों की हर संभव मदद कर रही है। उत्तराखंड में बचाव अभियान अभी भी जारी है।
निष्कर्ष
2025 की उत्तराखंड आपदा एक दुखद घटना है, जिसने उत्तराखंड को गहरा आघात पहुंचाया है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही हालात सामान्य होंगे और उत्तराखंड के लोग इस त्रासदी से उबर पाएंगे। हम उत्तराखंड सरकार और आपदा प्रबंधन टीमों के प्रयासों की सराहना करते हैं और प्रभावित लोगों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करते हैं। इस आपदा के बाद, हमें उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और आपदा प्रबंधन की बेहतर रणनीतियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
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