पाकिस्तान चुनाव 2024: धांधली के आरोपों से हिल गया पाक, शेहबाज़ शरीफ पर उठे सवाल!
नमस्कार दोस्तों,
आज हम बात करेंगे पाकिस्तान में हुए आम चुनाव 2024 की, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट ने पाकिस्तान चुनाव 2024 में धांधली के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे शेहबाज़ शरीफ की सरकार पर सवालिया निशान लग गया है। यह चुनाव सिर्फ एक इलेक्शन नहीं था, बल्कि पाकिस्तान की राजनीति के भविष्य को तय करने वाला एक अहम पड़ाव था, और अब इस पर कथित धांधली का साया मंडरा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान चुनाव 2024 में बड़े पैमाने पर धांधली हुई, जिससे शेहबाज़ शरीफ की सरकार को फायदा हुआ। इस रिपोर्ट में कॉमनवेल्थ ऑब्जर्वर्स ग्रुप पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उसने इस धांधली को छिपाने की कोशिश की। कॉमनवेल्थ में 56 देश शामिल हैं, और उन्होंने फरवरी 2024 में हुए चुनाव की निगरानी के लिए 13 लोगों का एक दल भेजा था।
पाकिस्तान चुनाव 2024 में वोटिंग के बाद, इस दल ने अपनी रिपोर्ट में चुनाव में कई गड़बड़ियां पाईं, जिससे कुछ उम्मीदवारों को गलत तरीके से विजेता घोषित किया गया। यह इलेक्शन प्रोसेस में गड़बड़ी का सीधा संकेत था।
रिपोर्ट क्यों दबाई गई?
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कॉमनवेल्थ ने अपनी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया, जो कि उसके 70 साल के इतिहास में पहली बार हुआ। आमतौर पर, यह संगठन वोटिंग के कुछ दिनों बाद ही अपनी रिपोर्ट जारी कर देता है। लेकिन इस बार, उन्होंने पाकिस्तान के चुनाव को निष्पक्ष बताकर उसकी तारीफ की।
द टेलीग्राफ और ड्रॉप साइट न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान की सेना समर्थित सरकार ने कॉमनवेल्थ से इस रिपोर्ट को दबाने की मांग की थी और संगठन ने ऐसा ही किया।
इमरान खान की पार्टी पर निशाना
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को चुनाव में निशाना बनाया गया। उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ने के लिए मजबूर किया गया और उनके चुनाव चिह्नों पर भी रोक लगा दी गई। इसका सीधा असर चुनाव परिणाम पर पड़ा।
PTI का आक्रोश और सवाल
PTI ने कॉमनवेल्थ और यूरोपीय संघ (EU) पर इस मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाया है। पार्टी के प्रवक्ता सैयद जुल्फिकार बुखारी ने कहा कि यह कॉमनवेल्थ के लिए शर्मिंदगी की बात है कि उसने इतनी महत्वपूर्ण रिपोर्ट को दबाया। उन्होंने कई सवाल उठाए, जैसे कि इस रिपोर्ट को किसके दबाव में छिपाया गया, कितने समय तक इसे दबाया गया और इसके पीछे कौन जिम्मेदार है? PTI ने यह भी पूछा कि कॉमनवेल्थ और EU ने अपनी पारदर्शिता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को क्यों तोड़ा?
आगे क्या होगा?
पाकिस्तान चुनाव 2024 में धांधली के आरोप पाकिस्तान की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकते हैं। चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठने से जनता में गुस्सा है और निष्पक्ष जांच की मांग हो रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि शेहबाज़ शरीफ की सरकार इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।
यह पूरा मामला पाकिस्तान की राजनीति और लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, और हमें उम्मीद है कि सच जल्द ही सामने आएगा।
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