बिहार चुनाव 2025: सीटों का बंटवारा और राजनीतिक विश्लेषण
बिहार चुनाव 2025 की घोषणा हो चुकी है! 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान होगा। एनडीए गठबंधन ने लंबी चर्चाओं और समझौतों के बाद आखिरकार सीटों का बंटवारा कर लिया है। इस सीट बंटवारे में बीजेपी और जेडीयू दोनों को 101-101 सीटें मिली हैं। वहीं, चिराग पासवान की पार्टी LJP (R) को 29 सीटें, उमेश कुशवाहा की आरएलएम और जीतन राम मांझी की पार्टी को 6-6 सीटें मिली हैं।
इस गठबंधन और सीटों के बंटवारे पर आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे बीजेपी की एक सोची-समझी रणनीति बताया है। मनोज झा का कहना है कि इस पूरे सीट वितरण को दो भागों में देखना चाहिए: पहला, बीजेपी, चिराग पासवान, मांझी और उमेश कुशवाहा को मिलाकर कुल 142 सीटें, और दूसरा, जेडीयू को मिली 101 सीटें। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार कई सालों से बीजेपी को “बड़े भाई” की भूमिका में देखते आए हैं, लेकिन अब उनकी उस भूमिका को उनके अपने ही लोगों ने खत्म कर दिया है। यह बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव है।
मनोज झा के इस दावे के बाद बिहार में एनडीए के सीएम चेहरे को बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं। विपक्ष के नेता पहले भी कई बार नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर सवाल उठा चुके हैं। इससे बिहार की राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ गई है। बिहार चुनाव में इस बार क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
पिछले चुनाव परिणाम से उपजी अनबन
वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि बीजेपी 110 सीटों पर उतरी थी। नीतीश कुमार की जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें ही मिलीं, जबकि बीजेपी ने 74 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बावजूद, नीतीश कुमार को ही बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया। माना जा रहा है कि तभी से बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। हालांकि, चुनाव से पहले ही बीजेपी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी। यह राजनीतिक समीकरण उस वक़्त से बदला हुआ है।
इस बार क्या है स्थिति?
बिहार में बीजेपी, नीतीश कुमार को चुनाव से पहले ही सीएम चेहरा घोषित कर देती है, जबकि अन्य राज्यों में ऐसा नहीं करती है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी का मानना है कि बिहार में उन्हें तभी वोट मिलेंगे, जब वे नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएंगे। पिछले चुनाव में भी बीजेपी ने ऐसा ही किया था, लेकिन परिणाम उनके अनुरूप नहीं रहे थे। बीजेपी ने नीतीश कुमार से ज्यादा सीटें जीती थीं। तब बीजेपी को यह एहसास हुआ कि बिहार चुनाव में नीतीश कुमार को सीएम चेहरा बनाने से कोई खास फायदा नहीं हुआ। इसलिए, इस बार बीजेपी ने नीतीश कुमार को अपने बराबर ही सीटें दी हैं। यह बिहार की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है। बिहार चुनाव 2025 में कौन जीतेगा, यह देखना बाकी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव बहुत ही रोमांचक होने वाला है।
