दिल्ली कार ब्लास्ट: दोपहर 3:19 से शाम 6:22 तक क्या कर रहा था संदिग्ध डॉ. उमर? दिल्ली पुलिस के 3 बड़े सुराग! – Nepal Updates | Stock Exchange

दिल्ली कार ब्लास्ट: लाल किले के पास धमाका, जांच में जुटी पुलिस

दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट ने शहर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। पुलिस हर जगह तैनात है और गाड़ियों की जांच लगातार जारी है। मामले की जांच तीन अहम पहलुओं पर केंद्रित है: संदिग्ध की गतिविधियां, फरीदाबाद के एक विश्वविद्यालय से जुड़े संदिग्ध नेटवर्क, और विस्फोट में इस्तेमाल विस्फोटक की प्रकृति।

दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार, डॉ. उमर द्वारा चलाई जा रही i-20 कार, जिसमें विस्फोट हुआ, को लाल किला पार्किंग क्षेत्र में पार्क किया गया था। जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि दोपहर 3:19 बजे से शाम 6:22 बजे के बीच डॉ. उमर क्या कर रहे थे।

जांचकर्ता यह भी जानने का प्रयास कर रहे हैं कि क्या संदिग्ध आस-पास की सड़कों पर भीड़ के इकट्ठा होने का इंतजार कर रहा था। क्या उन्होंने इस दौरान किसी से बात की या कहीं से निर्देश प्राप्त किए? सुरक्षा एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि डॉ. उमर हाई सिक्योरिटी जोन में लगभग तीन घंटे तक क्यों घूम रहे थे। क्या वह किसी अन्य व्यक्ति या स्लीपर सेल से संकेत का इंतजार कर रहे थे?

दिल्ली ब्लास्ट का फरीदाबाद से क्या कनेक्शन है? जांच का दूसरा पहलू फरीदाबाद के एक विश्वविद्यालय के डॉक्टरों के इर्द-गिर्द घूम रहा है, जिनके नाम जांच के दौरान सामने आए हैं। पुलिस इस संदिग्ध नेटवर्क से जुड़े सक्रिय और निष्क्रिय सदस्यों की संख्या की जांच कर रही है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि उसके स्लीपर सेल कनेक्शन एक्टिव थे।

अधिकारियों को संदेह है कि दिल्ली विस्फोट और फरीदाबाद में हुई बरामदगी एक बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है।

किसने की थी हथियारों की डिलीवरी? एजेंसियां बरामद हथियारों और विस्फोटकों के स्रोत की जांच कर रही हैं। अधिकारी संचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टेलीग्राम ग्रुप के अन्य सदस्यों का पता लगा रहे हैं। क्या उमर, मुजम्मिल या आदिल ने दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से जासूसी की थी या किसी दूसरे सदस्य पर निर्भर थे?

फरीदाबाद से बरामद हुआ था 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेटजम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद के एक अपार्टमेंट से 360 किलोग्राम संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट और 2,900 किलोग्राम आईईडी बनाने की सामग्री बरामद की थी। इस मामले में डॉ. मुजम्मिल और आदिल राठेर को गिरफ्तार किया गया था।

जांच का तीसरा पहलू विस्फोट की प्रकृति पर केंद्रित है। पुलिस को लाल किले के पास विस्फोट स्थल पर कील, बॉल बेयरिंग या ब्लेड जैसे टुकड़े नहीं मिले हैं। जांचकर्ता इस बात से हैरान हैं कि विस्फोट ने इतना बड़ा नुकसान कैसे पहुंचाया। दिल्ली पुलिस जांच में जुटी है और हर पहलू पर बारीकी से ध्यान दे रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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