दिल्ली ब्लास्ट कनेक्शन: यूपी एटीएस का ग्रेटर नोएडा में छापा, 11 करोड़ की विदेशी फंडिंग बरामद! – Nepal Updates | Stock Exchange

ग्रेटर नोएडा न्यूज़: एटीएस की टेरर फंडिंग मामले में बड़ी कार्रवाई!

ग्रेटर नोएडा में यूपी एटीएस की टीम ने टेरर फंडिंग के मामले में एक बड़ा खुलासा किया है। देर रात ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक सेक्टर साइट-5 में एटीएस ने एक कंपनी पर छापेमारी की। यह कार्रवाई इस्तांबुल इंटरनेशनल नामक कंपनी पर की गई, जहाँ टीम ने करीब दो घंटे तक तलाशी ली और पूछताछ की। एटीएस ने कंपनी से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं और प्रिंटिंग प्रेस सहित कई विभागों को सील कर दिया है। टीम ने कर्मचारियों को कंपनी में ही रुकने का आदेश दिया है, साथ ही जीएसटी विभाग और स्थानीय प्रशासन से भी इस मामले में विस्तृत जानकारी मांगी गई है।

विदेशी फंडिंग: 11 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेनदेन

जांच में पता चला है कि कंपनी के माध्यम से विदेशों से लगभग 11 करोड़ रुपये आए हैं। यह पैसा आरओ मशीन और आयुर्वेदिक दवाओं के व्यापार के नाम पर भेजा गया था। एटीएस को संदेह है कि इस धन का उपयोग भड़काऊ सामग्री और अवैध प्रकाशनों के लिए किया गया है। कंपनी में चल रही प्रिंटिंग प्रेस में भड़काऊ धार्मिक साहित्य की किताबें छापने के भी प्रमाण मिले हैं। संदिग्ध लेनदेन को लेकर गहन जांच चल रही है।

मुख्य आरोपी गिरफ्तार: फरहान नबी सिद्दीकी का कनेक्शन

इससे पहले, यूपी एटीएस ने 7 नवंबर को दिल्ली के रहने वाले फरहान नबी सिद्दीकी को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया था। फरहान पर टेरर फंडिंग और बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण देने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, एटीएस को शक है कि दिल्ली बम धमाकों से जुड़े कुछ लिंक भी इस नेटवर्क के जरिए संचालित किए जा रहे थे। इस गिरफ्तारी से कई और राज खुलने की संभावना है।

कंपनी में विशेष समुदाय के कर्मचारी: क्या छिपाई जा रही हैं गतिविधियां?

एटीएस की जांच में यह भी सामने आया है कि कंपनी में काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी एक विशेष समुदाय से हैं। आशंका जताई जा रही है कि कंपनी की गतिविधियों को बाहरी लोगों से गुप्त रखने के लिए ऐसा किया गया था। जांच एजेंसी ने सभी कर्मचारियों से पूछताछ की है और कई के मोबाइल डेटा को जब्त किया है। जांच में सुरक्षा एजेंसियां हर पहलू पर ध्यान दे रही हैं।

एटीएस की कड़ी निगरानी: संयुक्त जांच में जुटी एजेंसियां

जांच टीम ने कंपनी परिसर को सुरक्षा घेरे में ले लिया है और सभी सिस्टम और हार्ड डिस्क जब्त कर लिए हैं। इस कार्रवाई में एटीएस के साथ-साथ जीएसटी विभाग, पुलिस और खुफिया एजेंसियों की टीमें भी शामिल हैं। आने वाले दिनों में कंपनी के बैंक खातों और विदेशी लेनदेन की भी गहनता से जांच की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि एटीएस के पास कुछ ऐसे डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनसे अंतरराष्ट्रीय फंडिंग नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और सख्त निगरानी जारी है।

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