पंजाब में बाढ़: केंद्र सरकार की अनदेखी और आपदा प्रबंधन पर राजनीतिक घमासान
पंजाब इन दिनों भीषण बाढ़ की चपेट में है, जिससे पंजाब के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ से पंजाब में हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से राहत पैकेज की उम्मीद थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद निराशा ही हाथ लगी। इस आपदा की घड़ी में, पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के बीच का टकराव भी बढ़ता जा रहा है।
पंजाब में बाढ़ की स्थिति:
पंजाब में बाढ़ के कारण पंजाब के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से गुरदासपुर, कपूरथला और तरनतारन जैसे इलाकों में भारी नुकसान हुआ है। आपदा से हुए आर्थिक नुकसान का अनुमान 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई हैं, सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं, और सड़कें व पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पंजाब सरकार एनडीआरएफ (NDRF), सेना और स्थानीय प्रशासन की मदद से राहत कार्य चला रही है, लेकिन केंद्र सरकार से अपेक्षित मदद न मिलने से स्थिति और जटिल हो गई है।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 60,000 करोड़ रुपये के फंड जारी करने की गुहार लगाई थी, लेकिन जवाब में जो मिला, वह उम्मीदों के बिल्कुल विपरीत था। प्रधानमंत्री ने गुरदासपुर दौरे के दौरान मात्र 1,600 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की, जो बाढ़ से हुए नुकसान की तुलना में बहुत कम है।
विवाद की शुरुआत: ‘हिंदी नहीं आती?’:
प्रधानमंत्री की एक टिप्पणी ने भाषाई विवाद को जन्म दिया। जब आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने राहत राशि की कमी पर चिंता जताई, तो प्रधानमंत्री ने हंसते हुए कहा, “हिंदी नहीं आती? 1600 करोड़ घोषित कर दिया।” इस पर मुंडियां ने तुरंत जवाब दिया, “हिंदी आती है, लेकिन पैसा कम है।” यह संवाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और पंजाबियों में आक्रोश फैल गया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
आप पार्टी ने केंद्र सरकार पर पंजाब के साथ ‘मज़ाक’ करने का आरोप लगाया है। आप पार्टी के नेताओं ने कहा कि 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान पर केवल 1,600 करोड़ रुपये देना ‘ज़ख़्मों पर नमक छिड़कने’ जैसा है। उन्होंने केंद्र से पंजाब के रुके हुए फंड को तुरंत जारी करने की मांग की है। कांग्रेस और अकाली दल ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की है और इसे अपर्याप्त बताया है।
पंजाब सरकार का रुख:
आप सरकार ने वादा किया है कि वह बाढ़ पीड़ितों की मदद करेगी, किसानों का हौसला बढ़ाएगी और पंजाबियों की इज़्ज़त की रक्षा करेगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार राहत कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ेगी, भले ही केंद्र सरकार की ओर से अपेक्षित मदद न मिले। पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से एक बड़े राहत पैकेज और फंड की तत्काल रिहाई की मांग की है।
आने वाले समय में:
पंजाब सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केंद्र सरकार इस पर कैसी प्रतिक्रिया देती है और क्या वह पंजाब के लिए कोई और सहायता देने पर विचार करती है। बाढ़ के बाद, पुनर्वास और पुनर्निर्माण पंजाब के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। केंद्र सरकार को पंजाब के साथ सहयोग करना चाहिए और आपदा प्रबंधन के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान करनी चाहिए। पंजाब सरकार आपदा के इस समय में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राज्य सरकार की हर संभव कोशिश कर रही है और आपदा राहत के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।