खट्टर के बयान पर आप का हमला: बाबा साहब का अपमान, दलित विरोधी सोच का पर्दाफाश!
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बाबा साहब भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह बयान किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने योग्य नहीं है और यह बीजेपी की दलित विरोधी सोच और नफरत की जड़ को उजागर करता है। अनुराग ढांडा ने स्पष्ट रूप से कहा कि बाबा साहब को संविधान निर्माता के रूप में छोटा दिखाने की कोशिश सीधे-सीधे दलित समाज का अपमान है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी का इतिहास बाबा साहब और दलित समाज के अपमान से भरा पड़ा है। संसद में अंबेडकर को ट्रेंड बताकर उनका मजाक उड़ाया गया। संविधान बदलने की बात कर उनके बनाए संविधान को ठुकराने की कोशिश की गई। दलित समाज से आने वाले जज पर हमला कर उन्हें बदनाम करने की मुहिम चलाई गई। अब खट्टर ने बाबा साहब की भूमिका पर सवाल उठाकर वही गंदी सोच दोहरा दी है। अनुराग ढांडा ने इस तरह के कृत्यों को असहनीय बताया।
अनुराग ढांडा ने कहा कि खट्टर की सोच बेहद घटिया और नफरत से भरी हुई है। हरियाणा में मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने दलित समाज को कमजोर करने, बांटने और उनके अधिकारों को खत्म करने की हर कोशिश की। अब वह बाबा साहब पर टिप्पणी कर अपनी छोटी मानसिकता और बीजेपी की घृणित विचारधारा को सामने ले आए हैं। यह दलितों के अधिकार के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस तरह के बयान सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं। AAP नेता ने इस मुद्दे पर जनता का समर्थन मांगा है।
अनुराग ढांडा ने कहा कि आम आदमी पार्टी मांग करती है कि केंद्रीय मंत्री खट्टर को तुरंत अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। अगर बीजेपी, खट्टर के बयान से सहमत है तो यह साफ हो जाएगा कि बीजेपी, दलितों और बाबा साहब अंबेडकर के खिलाफ खुलकर खड़ी है। बाबा साहब को कोई छोटा नहीं कर सकता। वह संविधान निर्माता थे, हैं और रहेंगे। खट्टर जैसे नेता सिर्फ अपनी सोच को छोटा दिखा रहे हैं। दलित समुदाय इस बयान से काफी आहत है और बीजेपी से स्पष्टीकरण की मांग कर रहा है। यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर गरमाया हुआ है। AAP ने इस मुद्दे को संसद में उठाने की बात कही है। अनुराग ढांडा ने खट्टर के इस्तीफे की भी मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस बयान की कड़ी आलोचना की है।
