सबरीमाला मंदिर: सोने से ढके प्लेट्स से सोना गायब, केरल हाई कोर्ट ने जांच का आदेश दिया! 🔍
सबरीमाला मंदिर के बारे में एक बड़ी खबर सामने आई है! केरल हाई कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर के द्वारपालक (रक्षक देवता) की मूर्तियों को ढंकने वाली सोने की प्लेट्स से सोने के गायब होने की जांच का आदेश दिया है। यह मामला वाकई गंभीर है और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
सबरीमाला मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय मंदिरों में से एक है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान अय्यप्पन के दर्शन के लिए आते हैं। अब, मंदिर से जुड़ी यह विवादास्पद खबर चर्चा का विषय बन गई है।
केरल हाई कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। कोर्ट का मानना है कि यह मामला अत्यंत गंभीर है और इसकी पूरी तह तक जाना जरूरी है। अदालत ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया है।
दरअसल, 2019 में द्वारपालक मूर्तियों पर लगी सोने की प्लेट्स को फिर से सोने की परत चढ़ाने के लिए निकाला गया था। उस समय इन प्लेट्स का वजन 42.8 किलोग्राम था। लेकिन, जब इन्हें चेन्नई स्थित एक फर्म को सौंपा गया, तो इनका वजन घटकर केवल 38.258 किलोग्राम रह गया। यानी करीब 4.54 किलो सोने का नुकसान हुआ। यह वाकई चौंकाने वाली बात है!
कोर्ट ने इस कमी को अस्पष्ट बताया है और इसे गंभीर जांच का कारण माना है। कोर्ट ने यह भी बताया कि इन प्लेट्स को 1999 में सरकारी मंजूरी से स्थापित किया गया था और इन्हें 40 साल की गारंटी दी गई थी। लेकिन, प्लेटिंग केवल 6 साल बाद ही खराब हो गई, जिसके बाद मरम्मत का काम शुरू हुआ।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने द्वारपालक मूर्तियों के सोने से ढके प्लेट्स को बिना किसी विशेष कमिशनर या कोर्ट की मंजूरी के मरम्मत और फिर से सोने की परत चढ़ाने के लिए हटा लिया। बाद में, इन प्लेट्स को भक्त-सहयोगी उन्निकृष्णन पोट्टी ने चेन्नई स्थित स्मार्ट क्रिएशन्स फर्म को भेजा, लेकिन वहां प्लेट्स का वजन पहले से कम पाया गया। फिर से सोने की परत चढ़ाने के बाद भी, प्लेट्स का वजन 38.65 किलोग्राम था, जो मूल वजन से बहुत कम था।
कोर्ट ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के मुख्य सतर्कता और सुरक्षा अधिकारी को एक व्यापक जांच करने, सभी रिकॉर्ड की जांच करने और तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सभी रजिस्टर सतर्कता अधिकारी को सौंपे जाएं और बोर्ड को पूरी सहयोग देने के लिए कहा। Temple authorities must cooperate in the investigation. Investigation into the gold missing from the plates is crucial.
यह मामला अब एक बड़े विवाद का रूप ले चुका है, जिसमें धार्मिक विश्वासों और प्रशासनिक लापरवाही के बीच घमासान मचने की संभावना है। यह जांच सबरीमाला मंदिर की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए भी महत्वपूर्ण है। सोने के गायब होने के पीछे की वजह क्या है? क्या इसमें कोई भ्रष्टाचार शामिल है? इन सभी सवालों का जवाब अब जांच में मिलेगा।
सबरीमाला मंदिर की आस्था और श्रद्धा से जुड़े इस मामले में, न्याय और सत्य की जीत होनी चाहिए। केरल हाई कोर्ट के इस आदेश से लोगों को इंसाफ मिलने की उम्मीद जगी है। हम सभी की नजरें इस जांच पर टिकी हैं। Temple gold security needs to be addressed. High Court order is welcome.