UN में फ़िलिस्तीन के समर्थन में वोट

भारत का फिलिस्तीन के लिए समर्थन: संयुक्त राष्ट्र महासभा में ऐतिहासिक मतदान और इसका महत्व

संयुक्त राष्ट्र महासभा में हाल ही में हुए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में भारत ने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने के पक्ष में मतदान किया। यह निर्णय भारत की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव दर्शाता है और मध्य पूर्व में शांति स्थापना के प्रयासों को मजबूत करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इस महत्वपूर्ण मतदान, इसके निहितार्थ और भारत के रुख पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

न्यूयॉर्क घोषणा पर ऐतिहासिक मतदान

न्यूयॉर्क घोषणा पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुए ऐतिहासिक मतदान में भारत ने इजरायल को चौंकाते हुए फिलिस्तीन के पक्ष में मतदान किया। इस घोषणा को 142 देशों का समर्थन मिला, जबकि केवल 10 देशों ने इसका विरोध किया। 12 देशों ने इस मतदान से दूरी बनाई। यह परिणाम दर्शाता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत का फिलिस्तीन के प्रति रुख कोई नया नहीं है। भारत लंबे समय से दो-राष्ट्र समाधान का समर्थक रहा है और फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिलाने के लिए हमेशा प्रयास करता रहा है। भारत ने हमेशा माना है कि फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश का दर्जा दिए बिना पश्चिम एशिया में स्थायी शांति संभव नहीं है।

न्यूयॉर्क घोषणा क्या है?

न्यूयॉर्क घोषणा ऑन द पीसफुल सेटलमेंट ऑफ द क्वेश्चन ऑफ फिलिस्तीन एंड द इंप्लीमेंटेशन ऑफ द टू-स्टेट सॉल्यूशन’ नामक यह प्रस्ताव फ्रांस और सऊदी अरब द्वारा पेश किया गया था। इसमें कहा गया है कि गाजा में युद्ध को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं और एक न्यायपूर्ण, स्थायी समाधान केवल दो-राष्ट्र फार्मूले से ही संभव हो सकता है। इस घोषणा में पहली बार स्पष्ट रूप से 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमलों की निंदा की गई है और मांग की गई है कि हमास सभी बंधकों को रिहा करे और गाजा में सत्ता छोड़कर अपने हथियार फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंप दे।

भारत का स्टैंड

भारत ने अपने इस रुख से एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ है और फिलिस्तीन के लिए एक न्यायपूर्ण समाधान चाहता है। विदेश मंत्रालय (MEA) का मानना है कि हिंसा और चरमपंथ को किनारे रखकर ही क्षेत्र में शांति लाई जा सकती है। भारत का यह समर्थन संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के पक्ष में अंतर्राष्ट्रीय समर्थन को मजबूत करने में मदद करेगा।

निष्कर्ष

भारत का संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन के पक्ष में मतदान विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दो-राष्ट्र समाधान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा स्थापित करने में मदद करेगा। यह भारत की वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करता है। भारत का यह रुख, फिलिस्तीन की आजादी और मानवाधिकारों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत फिलिस्तीन के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूत करने की दिशा में काम करता रहेगा।

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